
गाजा
इजरायल ने गाजा पर कब्जे के लिए अपने हमले तेज कर दिए हैं। इजरायली सेना बार-बार लोगों से क्षेत्र खाली करने को कह रही है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा है कि उसके कर्मचारी गाजा शहर में डटे रहेंगे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की कि गाजा में नागरिकों के लिए डब्ल्यूएचओ और उसके सहयोगी गाजा शहर में बने रहेंगे। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गाजा शहर और इसके आसपास करीब दस लाख फिलिस्तीनी रहते हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बताया कि गाजा पट्टी में बचे आधे कार्यशील अस्पताल गाजा शहर में हैं, और क्षेत्र की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली इन शेष सुविधाओं में से किसी को भी खोने का जोखिम नहीं उठा सकती। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 'कार्रवाई' करने की अपील की और कहा कि यह तबाही मानव निर्मित है, जिसकी जिम्मेदारी हम सभी पर है।
दरअसल, इजरायली सेना गाजा शहर पर अपने हमले तेज कर रही है और शहर पर कब्जा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। इस सप्ताह उसने वहां के नागरिकों को क्षेत्र छोड़ने की चेतावनी दी है। इजरायली सेना ने मंगलवार को गाजा शहर में बड़े हमले से पहले शहर खाली करने का आदेश दिया और चेतावनी दी कि जो लोग रह गए हैं, उन्हें गंभीर खतरा है। इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचाय अद्राई ने कहा कि सेना इस क्षेत्र में पूरी ताकत से कार्रवाई करेगी। करीब 10 लाख निवासियों से दक्षिण में अल-मवासी की ओर जाने को कहा गया है, जिसे इजरायल ने मानवीय क्षेत्र घोषित किया है। अद्राई ने चेतावनी दी कि शहर में रहना अत्यंत खतरनाक है। यह आदेश हमास द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए गाजा युद्धविराम प्रस्ताव के बाद बातचीत शुरू करने की घोषणा के एक दिन बाद आया।
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि इजरायली बलों ने हाल के दिनों में 10 से अधिक बहुमंजिला इमारतों को नष्ट किया है। हमास पर आरोप है कि उसने इन इमारतों में इजरायली सैनिकों की निगरानी के लिए कैमरे लगवाए थे। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, हाल के इजरायली हमलों में 67 लोग मारे गए और 320 घायल हुए हैं। बता दें कि इजरायल अक्टूबर 2023 से गाजा में हमास के खिलाफ अभियान चला रहा है। हमास द्वारा संचालित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इजरायल के जवाबी हमलों में 64000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।