
जबलपुर.
मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने उमरिया कलेक्टर पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इतना ही नहीं उमरिया की रहने वाली माधुरी तिवारी के जिला बदर करने का आदेश भी निरस्त कर दिया है. दरअसल, जिला बदर करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसके साथ ही शहडोल संभागायुक्त को भी फटकार लगाई है. पूरा मामला 2024 का है. दरअसल, उमरिया कलेक्टर ने माधुरी तिवारी के खिलाफ जिला बदर का आदेश जारी किया गया था.
बताया जा रहा है कि माधुरी पर 6 आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 2 धारा 110 के तहत थे. फिर 2 मामले मारपीट और 2 एनडीपीएस से जुड़ा केस था. हालांकि किसी भी मामले में महिला को सजा नहीं हुई थी. फिर जिला बदर के आदेश को माधुरी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
कोर्ट ने क्यों रद्द किया आदेश
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. इसके बाद कोर्ट ने जिला बदर का आदेश भी निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि शहडोल संभागायुक्त अपने विवेक का प्रयोग करें. डाक घर की ओर से काम नहीं करें. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि कलेक्टर ने एसएसओ के बयान के आधार पर आदेश जारी कर दिया था.
जांच में सामने आया कि माधुरी को 1 एनडीपीएस के केस में महज 1 दूसरे आरोपी के बयान के आधारपर फंसाया गया था. उनके कब्जे से कोई प्रतिबंधित पदार्थ बरामद नहीं किया गया था. इतना ही नहीं एसएचओ ने भी माना कि महिला से किसी का कोई विवाद नहीं था. इतना ही नहीं पाली के किसी भी व्यक्ति ने यह नहीं कहा था कि माधुरी के यहां रहने से उन्हें कोई खतरा है. फिर हाईकोर्ट ने कलेक्टर और संभाग आयुक्त के आदेश को गलत बताया. फिर कलेक्टर पर जुर्माना भी लगाने का निर्देश दिया.