झारखंड/बिहारराज्य

राज्य की हरियाली संवारने में अहम भूमिका निभा रही हैं जीविका दीदियां

-2019 में शुरू जल-जीवन-हरियाली अभियान को दीदियों ने दिया जनांदोलन का रूप
– ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण दोनों को मिल रही मजबूती

पटना,

बिहार में सामाजिक परिवर्तन की अग्रदूत बनीं जीविका दीदियां, जिन्होंने शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल-विवाह जैसी बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाकर गांव-गांव में नई सोच जगाई है, अब पर्यावरण बचाने की मुहिम में भी सक्रिय हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2019 में आरंभ किया गया जल-जीवन-हरियाली अभियान आज पूरे राज्य में जनांदोलन के रूप में खड़ा है। इस अभियान को सफल बनाने में जीविका दीदियों ने हरित जीविका-हरित बिहार कार्यक्रम के अंतर्गत करोड़ों पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की ऐतिहासिक पहल की है।

चार करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए
राज्य के ग्यारह लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी एक करोड़ चालीस लाख से अधिक दीदियों ने अब तक चार करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए हैं। पौधों की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए दीदी की नर्सरी की शुरुआत की गई। आज जीविका दीदियों द्वारा संचालित नर्सरियों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ महिलाओं की श्रम भागीदारी को बढ़ाने की दिशा में भी नेतृत्व का कार्य कर रही हैं।

987 दीदी की नर्सरी संचालित
जीविका, मनरेगा और वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से पूरे राज्य में अब तक 987 दीदी की नर्सरियां संचालित हो चुकी हैं। इनमें 677 नर्सरियां जीविका व मनरेगा की साझेदारी से और 310 नर्सरियां वन विभाग के सहयोग से चल रही हैं। गौर करने वाली बात है कि 2019-20 में इनकी संख्या मात्र 350 थी, जो पांच साल में करीब तीन गुना बढ़ गई है।

लाखों पौधों की आपूर्ति और करोड़ों की आय
दीदी की नर्सरी से विभिन्न प्रजातियों के औसतन 20 हजार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं। हर वर्ष जून से अक्टूबर के बीच बड़े पैमाने पर पौधों का वृक्षारोपण होता है। वर्तमान में नर्सरियों में तीन फीट से अधिक ऊंचाई वाले 68 लाख 80 हजार पौधे और तीन फीट से कम ऊंचाई वाले एक करोड़ 19 लाख 48 हजार से अधिक पौधे उपलब्ध हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 95.32 लाख पौधों की बिक्री से 18.27 करोड़ रुपये की आय हुई थी।अबतक कुल 67 करोड़ रुपये की आमदनी नर्सरी संचालक दीदियों को हुई है।

97 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य
वित्तीय वर्ष 2024-25 में हरित जीविका-हरित बिहार अभियान के तहत 82 लाख पौधे लगाए गए। वहीं, वर्ष 2025-26 के लिए जीविका दीदियों ने 97 लाख पौधारोपण का लक्ष्य तय किया है। जून माह से चल रहे अभियान में अब तक 23 लाख से अधिक पौधे लगाए भी जा चुके हैं।

गौरतलब है कि जीविका दीदियों के प्रयास से न केवल बिहार का पर्यावरण और हरियाली बढ़ रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की सतत आजीविका भी सुदृढ़ हो रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के साथ अब बिहार की महिलाएं पर्यावरण संरक्षण की सबसे बड़ी भागीदार बन चुकी हैं।

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