मध्य प्रदेशराज्य

खंडवा : कोहदाड़ रेलवे स्टेशन पर 5 सालों से नहीं रुक रही ट्रेन, स्टेशन खंडहर में हुआ तब्दील

खंडवा

जिले का एक ऐसा रेलवे स्टेशन जो सालों से खामोश पड़ा है. यहां अब एक भी ट्रेन नहीं रुकती है, कई सालों से स्टेशन पर न कदमों की आहट सुनाई देती है और न बच्चों की हंसी. अब वो बुजुर्ग भी नजर नहीं आते हैं जो कभी स्टेशन की बेंच पर बैठकर चाय की चुस्कियां लिया करते थे.

सैकड़ों लोगों की जिंदगी हो रही प्रभावित

खंडवा शहर से कुछ ही दूर पर कोहदाड़ रेलवे स्टेशन मौजूद है. जहां कोरोना के बाद सब कुछ एकदम से ठहर सा गया है. इससे पहले स्टेशन गुलजार था. कटनी-भुसावल जाने वाली पैसेंजर गाड़ी में सैकड़ों की संख्या में लोग सफर करते थे. किसान अपनी फसल लेकर बेचने जाते थे, तो वहीं छात्र शहर की ओर पढ़ाई करने और युवा नौकरी की तलाश में निकलते थे.

खंडहर बना रेलवे स्टेशन

प्लेटफॉर्म पर बिछी पटरी से सिर्फ रेलगाड़ी नहीं, बल्कि ग्रामीणों के सपने गुजरते थे. लेकिन, आज कोहदाड़ रेलवे स्टेशन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. यहां रुकने वाली कटनी-भुसावल पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस कर दिया गया है, जिसके चलते अब नहीं रुकती है. हालांकि, दूसरी पैसेंजर ट्रेन भी लगभग 5 सालों से कोहदाड़ रेलवे स्टेशन पर नहीं रुक रही है.

कई मायनों में खास है कोहदाड़ स्टेशन

टाकलीकला निवासी रामनारायण दशोरे ने कहा, " कोहदाड़ स्टेशन बहुत पुराना है. स्टेशन के पास नदी है. उस पर बने ब्रिज से ट्रेन अब भी गुजरती है. साल 1960-61 में जब भारी जल संकट था. पीने के लिए पानी नहीं था. उस समय कोयले से ट्रेन चला करती थी. तब कोहदाड़ स्टेशन ही था जिसने रेलवे को पानी पिलाया था."

कोहदाड़ स्टेशन के करीब रहने वाले लतीफ खान ने कहा, " ट्रेन से ग्रामीणों के सब्जी का रोजगार जुड़ा हुआ था. नेपानगर में सप्ताह में दो दिन बाजार लगती है, यहां ग्रामीण ट्रेन से जाते थे और सब्जी बेचकर शाम तक लौट जाते थे. खंडवा शहर में सब्जी बेचने और खरीदारी करने के लिए ट्रेन मात्र एक सहारा थी. ट्रेन बंद होने के चलते लोगों का रोजगार ठप हो गया."

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button