
नैनीतल,
उत्तराखंड में आज कैंची धाम का 61वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, जिसके चलते सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। बता दें कि कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के जुटे हुए हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सुबह पांच बजे से ही कैंची धाम में श्रद्धालुओं को मालपुए के प्रसाद बंटना शुरू हुआ था, जिसके बाद मेले की शुरूआत हुई। बता दें कि मेले में जाने के लिए श्रद्धालुओं की कतार दो किमी लंबी लगी हुई थी। इस दौरान श्रद्धालुओं को बारिश का सुहाना नजारा भी देखने को मिला। वहीं श्रद्धालुओं ने बाबा के जयकारों के साथ कैंची धाम पहुंचे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार श्रद्धालुओं के बीच बाबा के प्रति जोश ज्यादा देखने को मिल रहा है। श्रद्धालु दिल्ली, नेपाल, हरियाणा, सूरत, मुंबई, देहरादून आदि बड़े शहरों से कैंची धाम पहुंचे हैं। 10 बजे तक चालीस हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच गए थे।
कैंची धाम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
कैंची धाम की स्थापना नीम करोली बाबा ने की थी, जिन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है। यह धाम आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जहां श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरा करने के लिए आते हैं। नीम करोली बाबा ने 1962 में कैंची गांव का दौरा किया और वहां एक मंदिर की स्थापना की, जो आज कैंची धाम के नाम से प्रसिद्ध है।
स्थापना दिवस पर विशेष आयोजन
हर साल कैंची धाम में स्थापना दिवस पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दौरान मंदिर में मालपुए के प्रसाद को भोग लगता है, जो श्रद्धालुओं में बहुत प्रसिद्ध है। वहीं इस साल भी ऐसा ही हुआ है। बता दें कि प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शटल सेवा की व्यवस्था की है, जो कैंची धाम तक पहुंचने में मदद करेगी। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, जिनमें पीए सिस्टम, ड्रोन और हाई-रिज़ॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं।
कैंची धाम मेले को लेकर ट्रैफिक प्लान
पार्किंग: प्रशासन ने 15 पार्किंग स्थल बनाए हैं, जहां श्रद्धालु अपने वाहन पार्क कर सकते हैं और शटल सेवा से कैंची धाम पहुंच सकते हैं।
डायवर्जन: ट्रैफिक प्लान के अनुसार, कुछ मार्गों पर वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा, इसलिए श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने मार्ग की योजना पहले से बना लें।