
रांची
झारखंड में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार द्वारा अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से यह पूछा है कि इसे कृतघ्नता कहा जाए या नैतिक पतन, कि राज्य सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक के नाम से अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम हटाने का निर्णय लिया है? मरांडी ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण में वाजपेयी जी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 1999 में अटल जी ने झारखंड की धरती से जनता से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी सरकार बनी तो झारखंड के लोगों को एक अलग राज्य का उपहार दिया जाएगा और जैसे ही उनकी सरकार बनी, उन्होंने अपना यह वादा निभाया। मरांडी ने कहा कि झारखंडवासियों को उनका अधिकार दिलाने में और आदिवासी अस्मिता को अलग पहचान देने में अटल जी के अटल इरादों की निर्णायक भूमिका रही है, लेकिन हेमंत सरकार ने राजनीति के निम्नतम स्तर को छूते हुए उनके योगदान को अनदेखा कर दिया।
मरांडी ने कहा कि क्या सरकार यह स्पष्ट कर सकती है कि कैबिनेट के इस निर्णय से स्वास्थ्य व्यवस्था में वास्तविक सुधार होगा? एम्बुलेंस समय पर पहुंचने लगेगी? क्लिनिक में बेहतर इलाज उपलब्ध होगा? कहा कि यदि सरकार को वास्तव में मदर टेरेसा का सम्मान करना था, तो उनके नाम पर कोई नई योजना लाती, ऐसी योजना जो मरीज़ों को सहारा और सेवा प्रदान करती, जो स्वयं मदर टेरेसा के जीवन का उद्देश्य था। किन्तु ऐसा न कर सरकार ने यहां भी केवल राजनीतिक हित साधने का प्रयास किया है। मरांडी ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी बदहाल है कि गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस न मिलने के कारण रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ रहा है। वृद्ध महिलाओं को खाट पर अस्पताल ले जाया जा रहा है और शवों को ले जाने तक के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है। परन्तु इन बुनियादी समस्याओं को दूर करने के बजाय, सरकार नाम बदलने में व्यस्त है।