
भोपाल
सहारा समूह की 310 एकड़ बेशकीमती जमीनों की खरीद-फरोख्त में 72.82 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा हुआ है। हैरानी यह है कि 310 एकड़ जमीन का बाजार मूल्य करीब 1000 करोड़ था। उसे पहले 90 करोड़ रुपए में बेचा। इसमें भी 72.82 करोड़ का गबन ही कर लिया गया। इस मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को एफआइआर दर्ज की है।
जनवरी से अबतक 6 माह में जमीनों के खरीदार और विक्रेता पक्ष से सवाल-जवाब करने के बाद ईओडब्ल्यू ने सहारा के तीन प्रमुख अधिकारियों सहारा प्रमुख सुब्रता रॉय के भाई जेबी रॉय, बेटे सीमांतो रॉय और ओपी श्रीवास्तव समेत अन्य पर केस दर्ज किया है। बता दें, चे जमीनें बिजयराघवगढ़ के भाजपा विधायक संजय पाठक (bjp mla sanjay pathak) के परिवार की शेयर होल्डिंग कंपनियों के जरिए खरीदी गई है। बताते है, इस एफआइआर के बाद विधायक पाठक की मुश्किलें भी बढ़ सकती है।
कौन है तीनों आरोपी
सीमांतो रॉय, कॉर्पोरेट कंट्रोल मैनेजमेंटसहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के बेटे हैं। जबलपुर और कटनी के जमीन सौदे के निर्णय में सीधे तौर पर शामिल थे।
जेबी रॉय डिप्टी मैनेजिंग वर्करसहारा प्रमुख के भाई हैं। भोपाल की जमीन सौदे में सक्रिय भूमिका थी। लंबे समय से विदेश में हैं।
ओपी श्रीवास्तव डिप्टी मैनेजिंग वर्करसहारा के लैंड डिविजन के प्रमुख हैं। इसलिए जमीनों की खरीद-फरोख्त के मसले में आरोपी बनाया गया।
हैरान कर देने वाला विचित्र घोटाला
सहारा समूह की भोपाल, सागर, जबलपुर, कटनी और ग्वालियर स्थित जमीनों में गबन किया गया है। ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासा हुआ है कि भोपाल और सागर में सहारा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया। नियमानुसार, जमीन बेचने के बाद पूरी राशि सहारा और सेबी के संयुक्त खाते में जमा करना था। लेकिन 48 करोड़ में जमीन बेचने के बाद भी एक पैसा जमा नहीं किया। जबलपुर और कटनी में भूमि विकास व्यय और विविध शासकीय व्यय के नाम पर 9.6 करोड़ से अधिक राशि काट ली गई। ग्वालियर में भी 1.22 करोड़ की राशि काटकर गबन किया गया।
विधायक संजय पाठक की पारिवारिक फर्मों ने किया सौदा
सहारा की 310 एकड़ जमीन कौड़ी के भाव विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक के परिकर की फर्मों से किया। भोपाल में 110 एकड़ जमीन पाठक की पारिवारिक कर्म सिनाप रियल एस्टेट प्रालि को बेची। फर्म में विधायक की मां निर्मला पाठक और बेटे यश पातक की 50-50% शेयर हैं। कटनी और जबलपुर में सहारा की करीब 200 एकड़ जमीन थी। इसका सौदा भी मेसर्स नामसा देवबिल्ड प्राप्ति से किया। इस फर्म में भी निर्मला पाठक और यश 50 50% के शेयर होल्डर हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये आदेश
सहारा को जमीनों की बिकी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 11 जुलाई 2016 को स्पष्ह निर्देश जामी इलाके अनुसार, सहामा की संपति की बिक्री की राशि सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में उमा करनी थी। ताकि सहारा के निवेशकों का लौटाया जा सके। इसी आदेश का उल्लघन किया गया।