
लखनऊ
सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर आईएएस बनीं मोनिका रानी ने बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया. उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को साझा करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बदलाव लाने का संकल्प जताया. आईएएस बनने से पहले वह सरकारी स्कूल में टीचर थी. वह बहराइच जिले की डीएम भी रह चुकी है. आइए जानते हैं कि उन्हें कब और कितनी रैंक से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास किया था.
महानिदेशक के रूप में पहले दिन उन्होंने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और उनकी प्राथमिकताएं गिनाई. उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालयों व अभ्युदय कंपोजिट विद्यालयों का समय से निर्माण कराना मेरी प्राथमिकताएं होंगी. इसके साथ ही, उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लैब के बेहतर उपयोग, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, और विशेष रूप से छात्राओं की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही.
शिक्षकों को प्रोत्साहन और इनोवेशन पर जोर
उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और शिक्षण को रुचिकर बनाने पर बल दिया. आगे कहा कि शिक्षकों को आधुनिक और नवाचारी शिक्षण विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि पठन-पाठन का स्तर बेहतर हो सके. शिक्षक विभाग की रीढ़ हैं. हम उन्हें प्रेरित करेंगे कि वह न केवल पढ़ाएं, बल्कि बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें.
इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिशन शक्ति, विकसित भारत जैसे महत्वपूर्ण आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की. विभाग के विभिन्न यूनिट्स के कामकाज की जानकारी लेते हुए उन्होंने भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया.
पहले टीचर, फिर बनी IAS
आईएएस अधिकारी बनने से पहले वह सरकारी स्कूल में टीचर थी. 2004 से 2010 तक उन्होंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षिका पद पर काम किया है.वह 2010 बैच यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. यूपीएससी सीएसई में उन्हें देश भर में 70वीं रैंक हासिल की थी और चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए किया गया था.
कहां की रहने वाली हैं IAS मोनिका रानी?
आईएएस मोनिका रानी मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं. उन्होंने बीकाॅम और एमए इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल की है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनकी पहली तैनाती गाजियाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर 11 जुलाई 2012 को हुई थी. इसके बाद फरवरी 2014 में उन्हें शहारनपुर का सीडीओ बनाया गया था. वह चित्रकूट, बहराइच और फर्रुखाबाद की डीएम भी रह चुकी हैं.