मध्य प्रदेशराज्य

एमपी-सीईआरटी टीम ने भोपाल में किया ‘सायबर भारत-सेतु’ अभ्यास

मध्यप्रदेश बना ‘सायबर भारत सेतु’ का व्यापक अभ्यास करने वाला देश का पहला राज्य

भोपाल 
प्रदेश में बढ़ती डिजिटल निर्भरता और सायबर सुरक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत एमपी-सीईआरटी एवं केन्द्र सरकार के सीईआरटी-इन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत विषय पर दो दिवसीय सायबर सुरक्षा अभ्यास ‘सायबर भारत सेतु’ का गुरुवार को भोपाल में शुभारंभ हुआ। इस आयोजन से मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया, जहां ‘सायबर भारत सेतु’ का व्यापक अभ्यास किया गया है।

दो दिवसीय सायबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम में डिजिटल खतरों की बढ़ती जटिलता के मद्देनजर, एमपी-सीईआरटी ने संकट संचार एवं प्रबंधन योजना (सीसीएमपी), कठोर ऑडिट प्रोटोकॉल और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बेहतरीन सूचना सुरक्षा प्रक्रियाएँ अपनाई हैं। एक्सरसाइज में ड्यूल यूज़ टेक्नोलॉजी, सायबर एक्सटॉर्शन, रैनसमवेयर, डेटा ब्रीच, सोशल इंजीनियरिंग, सप्लाई चेन अटैक, व्यवस्थागत निर्भरता, भू-राजनीतिक जोखिम, अंदरूनी खतरे और सार्वजनिक विश्वास जैसी चुनौतियों पर केंद्रित अभ्यास किए गए।

सीईआरटी-इन के साइंटिस्ट श्री अशुतोष बहुगुणा ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और जिला सीआईएसओ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसकी सीईआरटी टीम ने ‘सायबर भारत सेतु’ जैसे व्यापक अभ्यास का आयोजन किया है। उन्होंने राज्यों के बीच सहयोग और तकनीकी सशक्तिकरण की आवश्यकता को राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा के लिए अहम बताया। उन्होंने सायबर सुरक्षा के रोडमैप, घटना प्रतिक्रिया, सूचना सुरक्षा, गवर्नेंस, सीसीएसपी ऑडिट और उभरते सायबर खतरों पर विस्तार से जानकारी दी।

एक्सरसाइज के दौरान प्रतिभागियों को इन्वेंट्री मैनेजमेंट, सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर सुरक्षा, कमजोरियों का आकलन, नियंत्रित एडमिनिस्ट्रेटिव प्रिविलेजेज और एंटी-मैलवेयर समाधान जैसे व्यावहारिक विषयों पर प्रशिक्षण और प्रस्तुतियाँ दी गईं। इंटरेक्टिव वर्कशॉप, व्यावहारिक सत्र और विशेषज्ञ व्याख्यान के माध्यम से सायबर सुरक्षा गवर्नेंस और घटना प्रतिक्रिया पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

श्री शशांक गुप्ता ने सीसीएसपी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संगठनों को संकट में न्यूनतम विघ्न के साथ सुरक्षित रखता है और उन्हें त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सक्षम बनाता है। श्री मोहित कटारिया ने कहा कि सीसीएमपी आवश्यक सेवाओं की निरंतरता और संस्थागत लचीलापन बढ़ाता है, जिससे विभागों में सहयोग और समय पर अलर्ट की व्यवस्था मजबूत होती है।

एमपी-सीईआरटी की प्रमुख सुश्री अम्बर पांडे ने कहा कि स्टेट डेटा सेंटर, सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर और आधुनिक अवसंरचना में निवेश के साथ, मध्यप्रदेश सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में तेजी से अग्रसर है। यह अभ्यास राज्य स्तर पर डेटा अखंडता, घटना प्रतिक्रिया और मजबूत सुरक्षा तंत्र स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

‘सायबर भारत सेतु’ पहल मध्यप्रदेश के सायबर नेतृत्व को मजबूत करती है और राज्य के सुरक्षित डिजिटल भविष्य के प्रति एमपी-सीईआरटी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस मंच के माध्यम से सहयोग, संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा, नवाचार और ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देकर, राज्य को सायबर प्रतिरक्षा में अग्रणी स्थान दिलाया जा रहा है।

कार्यक्रम में एमपी-सीईआरटी से श्री सत्यार्थ दुबे, सुश्री रुचा महाले, स्टेट को-ऑर्डिनेटर श्री योगेश पंडित, लीगल कंसल्टेंट सुश्री सृष्टि यादव, कम्युनिकेशन कंसल्टेंट सुश्री प्रियंका गोस्वामी और श्री रूप नारायण उपस्थित रहे।

 

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