
भोपाल
मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने भगवान श्रीराम वनगमन पथ पर दीपोत्सव का निर्णय लिया है। दीपावली के पहले राम वनगमन पथ वाले जिलों में दीपोत्सव होगा। दिन और स्थान का चयन संबंधित जिलों के कलेक्टर करेंगे।
संस्कृति विभाग ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। इस दीपोत्सव का आयोजन 11 जिलों में चित्रकूट से लेकर छत्तीसगढ़ सीमा के करीब स्थित अनूपपुर तक किया जाएगा।
राज्य सरकार राम वनगमन पथ को विकसित कर रही है
बता दें कि राज्य सरकार राम वनगमन पथ को विकसित कर रही है। इसके लिए स्थल चयन को अंतिम रूप देने के लिए सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है, जो लगभग डेढ़ माह में पूरा हो जाएगा। इन स्थलों को धार्मिक पर्यटन की ²ष्टि से विकसित किया जाएगा। सभी को एक सर्किट से जोड़ा जाएगा।
संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दीपोत्सव के पहले संबंधित जिलों में लोगों की सहभागिता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों के अतिरिक्त ऐसे स्थान चिह्नित होंगे, जहां लोग आसानी से पहुंच सकते हैं।
लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने घरों में भी उस दिन दीप जलाएं। इससे आमजन को इस बात का गर्व होगा कि भगवान श्रीराम उनके जिले से होकर गुजरे थे। हालांकि दीपोत्सव के दौरान दीपक कितनी-कितनी दूरी पर जलाए जाएंगे, इसे लेकर अभी स्पष्टता नहीं है।
11 जिलों के इन स्थलों को किया गया है चिह्नित
- सतना जिले के चित्रकूट में स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अत्रि आश्रम, शरभंग आश्रम, अश्वमुनि आश्रम, सिलहा गांव में सुतीक्ष्ण आश्रम, सिद्धा पहाड़, रक्सेला गांव में सीता रसोई और रामसेल
- पन्ना के पहाड़ी खेरा गांव में बृहस्पति कुंड, सारंगधर गांव में सुतीक्ष्ण आश्रम, बड़े गांव में अग्निजिह्वा आश्रम और सलेहा में अगस्त्य आश्रम
- मैहर जिले में राम जानकी मंदिर- कटनी के भरभरा में शिव मंदिर
- जबलपुर में पिपरिया के पास रामघाट- नर्मदापुरम में पासी घाट और माच्छा के राम मंदिर
- बालाघाट जिले में राम पायली- मंडला में सीता रपटन- उमरिया जिले में राम मंदिर दशरथ घाट और मार्कंडेय आश्रम
- शहडोल के गंधिया- अनूपपुर के कनवाई में स्थित सीतामढ़ी
कुछ और जिलों के स्थलों को खोजने के लिए हो रहा सर्वेक्षण
राज्य सरकार राम वनगमन पथ में पहले से चिह्नित स्थलों के अतिरिक्त नए को खोजने के लिए सर्वेक्षण करा रही है। इस मामले में देश के जाने-माने शोधकर्ता डा.रामअवतार शर्मा को यह जिम्मेदारी दी गई है। डॉ.शर्मा ने बताया कि उनकी टीम नए स्थलों को खोज रही है। उन्होंने संभावना जताई कि 10 से 15 स्थल और जुड़ सकते हैं। लगभग डेढ़ माह में सर्वेक्षण का काम पूरा हो जाएगा।
राम वनगमन पथ के स्थलों पर दीपोत्सव कराया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है। दिन और समय का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। – शिव शेखर शुक्ला, अपर मुख्य सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति