दिल्लीराज्य

नेक्सा एवरग्रीन घोटाला: 2,700 करोड़ की ठगी का मास्टरमाइंड जुगल किशोर गिरफ्तार

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक बड़े निवेश घोटाले का पर्दाफाश करते हुए 57 वर्षीय जुगल किशोर शर्मा को गिरफ्तार किया है। जुगल पर आरोप है कि उसने धोलेरा, अहमदाबाद में प्लॉट और 3 प्रतिशत साप्ताहिक रिटर्न का लालच देकर देशभर के निवेशकों से 2,700 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। जुगल किशोर ने इस दौरान झूठा दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोजेक्ट के "ब्रांड एंबेसडर" हैं, जिससे लोगों का विश्वास जीता जा सके। यह धोखाधड़ी नेक्सा एवरग्रीन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के माध्यम से की गई।

जांच में सामने आया है कि इस मामले में देश भर में 150 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश राजस्थान से हैं। इस मामले में पहले भी दो आरोपी, सुभाष बिजारणिया और ओपेन्द्र बिजारणिया को दिसंबर 2024 में गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस को 98 पीड़ितों की शिकायत मिली थी, जिन्होंने बताया कि कंपनी के निदेशक जुगल किशोर और विनोद कुमार ने उन्हें धोलेरा में प्लॉट देने और प्रति सप्ताह 3 प्रतिशत का भारी रिटर्न देने का आश्वासन दिया था। जुगल निवेशकों को लुभाने के लिए जूम मीटिंग्स करते थे और प्रधानमंत्री के वीडियो दिखाकर झूठा प्रचार करते थे। वे आकर्षक उपहारों जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप और रॉयल एनफील्ड बाइक का भी लालच देते थे। जनवरी 2023 से, कंपनी के पदाधिकारी फरार हो गए और उनकी वेबसाइट व मोबाइल ऐप बंद हो गई। इसी पैटर्न पर राजस्थान के सीकर और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भी मामले दर्ज हुए हैं।

जांच में पता चला है कि पीड़ितों से वसूले गए पैसे नेक्सा एवरग्रीन डेवलपर्स धोलेरा और 9 ओक डेवलपर्स धोलेरा के बैंक खातों में जमा किए गए थे। जुगल किशोर इन फर्मों का अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता था और दिल्ली के शाहदरा से अपना ऑफिस चला रहा था।

पुलिस ने बताया कि अधिकांश पीड़ित सरकारी कर्मचारी हैं। कंपनी ने धोलेरा क्षेत्र में करीब 1,200 बीघा जमीन खरीदने का दावा किया था, हालांकि जांच में 168 एकड़ जमीन की ही पुष्टि हुई है। जुगल किशोर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना घर बेच दिया था और छिप रहा था।

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने लोगों को आगाह किया है कि ऊंचे रिटर्न का वादा करने वाली किसी भी योजना में निवेश करने से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करें। किसी भी कंपनी की वैधता की पुष्टि आरओसी, सेबी या आरबीआई से अवश्य करें।

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