
नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) 2025 के लिए नामांकन आमंत्रित किए हैं। नामांकन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 18 वर्ष से कम आयु (31 जुलाई 2025 तक) के उन युवाओं को सम्मानित करता है, जिन्होंने निम्नलिखित 6 श्रेणियों में उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है, जैसे-बहादुरी, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति, तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, सभी नामांकन आधिकारिक राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जाने हैं। नामांकन 5 से 18 वर्ष (31 जुलाई 2025 तक) की आयु के बच्चों के लिए खुला है। कोई भी व्यक्ति या संस्था असाधारण उपलब्धियों वाले बच्चों को पीएमआरबीपी के लिए नामांकित कर सकती है। बच्चे स्व-नामांकन के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं ।
अधिक जानकारी और नामांकन के लिए पोर्टल (https://awards.gov.in) को विजिट करें।
आवेदन करने के लिए, आवेदकों को पहले अपना नाम, अंतिम नाम, जन्म तिथि, आवेदक का प्रकार (व्यक्तिगत/संगठन), मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार नंबर आदि जैसे विवरण और कैप्चा सत्यापन करके पोर्टल पर पंजीकरण या लॉग इन करना होगा। पंजीकरण के पश्चात्, उन्हें चल रहे नामांकन अनुभाग के अंतर्गत “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025” का चयन करना चाहिए और “नामांकन/अभी आवेदन करें” पर क्लिक करना चाहिए। इसके पश्चात् आवेदकों को संबंधित पुरस्कार श्रेणी चुननी चाहिए और यह इंगित करना चाहिए कि नामांकन उनके लिए है या किसी और के लिए।
आपको बता दें, आवेदन पत्र में नामिति का विवरण, उपलब्धि और उसके प्रभाव का वर्णन करने वाला एक संक्षिप्त विवरण (अधिकतम 500 शब्द) और सहायक दस्तावेज (पीडीएफ प्रारूप, अधिकतम 10 अनुलग्नक) और एक हालिया फोटो (जेपीजी/जेपीईजी/पीएनजी प्रारूप में) अपलोड करना है। आवेदनों को ड्राफ्ट के रूप में सहेजा जा सकता है और अंतिम रूप से प्रस्तुत करने से पहले संपादित किया जा सकता है। समीक्षा और प्रस्तुत करने के बाद, आवेदन की एक डाउनलोड करने योग्य प्रति संदर्भ के लिए उपलब्ध होगी।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भारत के युवाओं की उपलब्धियों की सराहना करना और उन्हें बढ़ावा देना, वास्तविक जीवन के आदर्शों को प्रदर्शित करके देश भर के साथियों को प्रेरित करना और बच्चों के समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना है।