करनाल
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद अभी तक भी कांग्रेस पार्टी में एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी चल रही हैं। अब कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी ने हुड्डा का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में कहा कि पार्टी को अब चले हुए कारतूस को संदूक में बंद कर देना चाहिए और नए लोगों को पार्टी में मौका देना चाहिए।
कांग्रेस विधायक इंदुराज पर भी साधा निशाना
शमशेर सिंह गोगी यहां तक ही नहीं रुके। उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक इंदुराज नरवाल पर भी निशाना साधा। बीते दिनों करनाल में जब इंदुराज नरवाल से पूछा गया आप ही की पार्टी के पूर्व विधायक हार का ठीकरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुडा पर फोड़ रहे है। तब कांग्रेस विधायक इंदुराज ने पूर्व विधायक शेमशर सिह गोगी पर कटाक्ष किया था और कहा था छाझ तो बोले छन्नी भी बोले। जिस पर अब पूर्व विधायक गोगी ने इंदुराज पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा इंदुराज नरवाल मेरा छोटा भाई है। पता नहीं किसे खुश करने के लिए उसने ऐसा बयान दिया है उसे छाझ और छन्नी में फर्क नहीं पता। अगर अपनी आत्मा से पूछेगा तो छन्नी के पास तो वो खड़ा ही था। हमने तो ऐसा कांग्रेस के खिलाफ कोई काम नहीं किया जिसे हमें कोई छन्नी कहेगा। उन्होंने कहा मैं किसी के खिलाफ व्यक्तिगत बयान बाजी नहीं करता।
चले हुए कारतूसों को संदूक में बंद कर देना चाहिए- शमशेर सिंह गोगी
गोगी ने कहा कि पार्टी को जो नुकसान करता वो कितना भी बड़ा आदमी क्यों ना हो। उसे पीछे हटा देना चाहिए। अब जिस हालत में हम पहुंच गए हैं, मेरा पार्टी को सुझाव है कि चले हुए कारतूसों को संदूक में बंद कर नए लोगों को मौका देना चाहिए। जो लोग पार्टी के संगठन को गांव-गांव में पहुंचा सकते हैं, ऐसे लोगों को मौका देना चाहिए, जो लोग बिना विधायकों के रात को मुख्यमंत्री बनकर सोते हैं, उन लोगों को नहीं बनना चाहिए। पूर्व मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी कहा है संगठन अगर होता तो पार्टी के हालात ये नहीं होते। जिस पर गोगी ने कहा कि हम तो हार के अगले दिन से ही कह रहे हैं कि चौधरी साहब ने अब कहा है उसका भी स्वागत करते हैं।
वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पार्टी प्रभारी दीपक बावरिया को भी अपने बयान से लपेटते हुए गोगी ने कहा कि दोनों अलग-अलग बयान दे रहे हैं। इससे पता लगता है कि दोनों का कितना आपसी तालमेल है। फिलहाल कांग्रेस की हार के बाद अभी तक पार्टी में जहां आपसी बयानबाजी लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। हार की जिम्मेवारी अब तक कोई भी नहीं ले रहा। देखने वाली बात ही होगी कि पार्टी में आपसी बयानबाजी कब तक थम पाएगी।