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जयपुर
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि आहोर में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय को क्रमोन्नत करने के संबंध में उच्च न्यायालय से प्रस्ताव प्राप्त होने पर निर्धारित मापदण्डों तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर विचार किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि आहोर स्थित न्यायालय को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव वर्तमान में राजस्थान उच्च न्यायालय की समिति में विचारार्थ लंबित है।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आहोर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में सिविल मुकदमों की कुल संख्या 1607 है तथा क्रिमिनल मुकदमों की संख्या 425 है। यह मुकदमें जालोर स्थित न्यायालय में सुने जा रहे हैं।
इससे पहले विधायक श्री छगनसिंह राजपुरोहित के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विधि एवं विधिक कार्य मंत्री ने कहा कि किसी स्थान पर न्यायालय की स्थापना अथवा क्रमोन्नयन माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय से परामर्श या प्रस्ताव प्राप्त होने पर तथा निर्धारित मानदण्ड के अनुसार प्रकरण लम्बित होने पर की जा सकती है।
भविष्य में आहोर में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय को वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में क्रमोन्नत करने का प्रस्ताव माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय से प्राप्त होने पर, निर्धारित मानदण्ड 1200-1500 प्रकरण लंबित होने पर तथा वित्तीय संसाधन की उपलब्धता होने पर ही राज्य सरकार द्वारा विचार किया जा सकेगा।