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यमुनानगर में विदेश जाने को लेकर लोगों को बुलाया दिल्ली, एजेंट ने किया करोड़ों का फ्रॉड, खुला राज

यमुनानगर 
यमुनानगर जिले के कन्हैया साहब चौक पर एक एजेंट के ऑफिस के बाहर देर रात भारी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए। यह लोग गाड़ियों पर यहां पहुंचे थे और गाड़ियों के ऊपर पूरा सामान पैक रखा हुआ था। पता चला कि यह लोग तो घर से सुबह ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उससे पहले इन लोगों को दिल्ली में एक होटल में ठहरे एजेंट से मिलना था, जिसके पास से इन लोगों को पासपोर्ट और टिकट मिलनी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।

दिल्ली पहुंचने पर खुला राज 
हालांकि लोगों के हाथ में एक कागज का टुकड़ा जरूर था, जिसको यह लोग सुबह तो ऑस्ट्रेलिया जाने का वीजा बता रहे थे लेकिन अब जब दिल्ली से वापस लौटे हैं तो इन लोगों का आरोप है कि इनको एजेंट ने फर्जी वीजा देकर दिल्ली बुला लिया और वहां पर इन लोगों से कोई भी संपर्क नहीं किया गया। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे कि जिन्होंने अपनी जमीन मकान और गहने बेचकर अपने बच्चों को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में भेजने के लिए इस एजेंट से संपर्क किया था। सब कुछ गंवाने के बाद ना तो इनको एजेंट मिला और ना ही ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए टिकट। जबकि जो पासपोर्ट इनके पास था वह भी इन लोगों ने एजेंट को दे रखा था। दिल्ली से यमुनानगर में 50 से ज्यादा स्टूडेंट और ऐसे लोग वापस आए जो ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए सुबह घर से निकले थे और अब यह एजेंट के ऑफिस के बाहर आकर हंगामा कर एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं। 

वहीं लोगों का कहना था कि किसी ने 20 लाख, किसी ने 15 तो किसी ने 35 लाख रुपए एजेंट को दिए हैं और अब इनको ऐसा लग रहा है कि इन लोगों के साथ बड़ा फ्रॉड हो गया है। फिलहाल इन लोगों ने पुलिस को बताया कि इनको एजेंट ने फर्जी वीजा दिया है, जिसकी अब पुलिस जांच करने की बात कह रही है। फिलहाल मामला रात का होने के चलते पुलिस ने इन लोगों को शिकायत देने की बात कही है और शिकायत मिलने के बाद पुलिस इस पूरे मामले में जांच की बात कह रही है। उसका कहना है कि अगर जांच में एजेंट दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बड़ा सवाल तो यह है कि डॉलर कमाने की चाह में इन लोगों ने अपनी जिंदगी भर की पूंजी भी गवां दी, लेकिन अब इनको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि अब यह पहला भारत नहीं अब नया भारत है ऐसे में हम लोग विदेश में ना जाकर भी यहां सुकून की जिंदगी भी जी सकते हैं, लेकिन इन लोगों ने यह सब नहीं सोचा और आज अपने माथे पर हाथ रख यह लोग सोचने के लिए मजबूर है।

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