मध्य प्रदेशराज्य

देश की ताकत और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में फार्मेसी के विद्यार्थी दें योगदान : उच्च शिक्षा मंत्री परमार

भोपाल
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि फार्मेसी के सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा काम करते हुए अपनी स्वदेशी औषधियों के व्यापार को बढाने और इसके उत्पादन पर ध्यान देने लिए और अधिक मेहनत और परिश्रम करने की जरूरत है। आज दुनिया के कई देश हमारे देश में उत्पादित स्वदेशी दवाओें का उपयोग करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देश हमारे देश की उत्पादित औषधियों का उपयोग करें।

मंत्री श्री परमार शनिवार को इंदौर के ऑक्सफोर्ड इन्टरनेशनल कॉलेज में “इंडियन फार्मासिस्ट इनावेशन टू इम्पेक्ट फॉर विकसित भारत-2047” की थीम पर आयोजित दो दिवसीय 12वें विजन फार्मा राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ कर सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी डॉ. छगनभाई पटेल, फार्मा विजन के राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिकेत सेल्के, श्री वीरेन्द्र सोलंकी, ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल कॉलेज के चेयरमेन श्री अक्षांशु तिवारी, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रिया जैन, फार्मा विजन की स्टेट कॉन्वेनर सुश्री कामाक्षा गौड़ विशेष रूप से मौजूद थे।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करते हुए कई क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से अपील की है कि विकसित भारत के संकल्प को अपना संकल्प मानते हुए कार्य करें। देश की ताकत और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में फार्मेंसी के विद्यार्थी निश्चित रूप से बड़ा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश 2047 तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और दुनिया के कई देशों में भी ऊर्जा की पूर्ति करने वाला देश बनेगा। उन्होंने कहा कि किसानों ने अन्न और खाद्यान्न के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है। किसानों ने अन्न के भण्डार भरे हैं। भारत 2047 तक अन्य देशों के भरण-पोषण करने की सामर्थ्य रखने वाला देश बनेगा।

मंत्री श्री परमार ने कहा कि शीघ्र ही फार्मेंसी के सिलेबस में आयुर्वेद के सिलेबस को भी जोड़ने का काम किया जायेगा। इस पर एक्सपर्ट द्वारा विचार-विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आवश्यकता के अनुसार फार्मेंसी के साथ एलोपैथिक , होम्योपेथिक और आयुर्वेदिक के लिये एक कॉमन सिलेबस तैयार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में 11 नये आयुर्वेदिक कॉलेज खोलने का संकल्प लिया गया था, जिसमें से 8 कॉलेजों की भारत सरकार द्वारा मान्यता दे दी गई है। अगले वर्ष से ही नये कॉलेज प्रारंभ किये जाएंगे।

मंत्री श्री परमार ने बताया कि आने वाले समय में परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिये सभी परीक्षाओं का डिजिटल वेल्यूवेशन किया जायेगा , जिससे परीक्षार्थी ऑनलाईन अपनी कापी देख सकेंगे। श्री परमार ने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. प्रिया जैन ने बताया कि दो दिवसीय 12वें विजन फार्मा राष्ट्रीय अधिवेशन में फार्मा से संबंधित कई सत्र होंगे। सुश्री कामाक्षा गौड़ ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश के विभिन्न कॉलेजों के फार्मेसी विद्यार्थी उपस्थित थे।

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