
भोपाल
मध्य प्रदेश में लगभग 20 साल पहले बंद हुई लोक परिवहन सेवा अब पीपीपी मॉडल पर शुरू होने जा रही है। यह संभव हो रहा है । मध्यप्रदेश में सुविधा शुरू करने के लिए कई प्रदेशों की बस सेवा (Government Bus Service) का अध्ययन किया गया है। अब पर्यटन विभाग (Transport Department) ऐसा आदर्श मॉडल तैयार कर रहा है जो देश में अपने तरीके का इकलौता होगा। घर बैठे प्री-टिकट, सीट रिजर्वेशन, रियल टाइम बस लोकेशन जैसी सुविधा मिलेगी। सुरक्षा के लिए वीएलडीटी से हर 5-10 सेकंड में बस की जानकारी कंट्रोल रूम पर पहुंचेगी।
परिवहन मंत्री ने गिनाई सुविधाएं
परिवहन मंत्री (Transport Minister) उदयप्रताप सिंह ने बताया, आधुनिक और सर्व सुविधायुक्त बस टर्मिनल, बस स्टैंड का निर्माण होगा। इंट्रीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) आधारित मॉडल में यात्री और बस ऑपरेटर्स के लाभ व सरकार की संतुष्टि तीनों पक्षों को प्राथमिकता पर रखा है। ज्ञात रहे कि बस सेवा की शुरुआत इंदौर संभाग से की जानी है। यह मार्च-अप्रेल 2026 से संभव है।
50% पंचायत वंचित, गांवों में पहुंच बढ़ेगी
परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने बताया, वर्तमान में ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां के लिए परमिट जारी हुए हैं लेकिन, बसें नहीं चलतीं। इसके विपरीत रूट वाइलेंस की स्थिति भी मिलती है। ऐसी बातों को देखते हुए बसों के रूट तय किए जा रहे हैं। अभी लगभग 50 प्रतिशत पंचायतों तक यात्री बसों (public transport service) की पहुंच है। नई व्यवस्था में यह पहुंच बढ़कर 75 प्रतिशत तक हो जाएगी। सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को मिलेगा।
रोडवेज की बसें बंद होने के सालों बाद प्रदेश की डॉ मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत बसों का संचालन गांव तक शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार के द्वारा अलग से मध्य प्रदेश यात्री परिवहन एवं अधो संरचना लिमिटेड के नाम से एक कंपनी का गठन भी किया जा चुका है। इस कंपनी के द्वारा बस सेवा को शुरू करने के लिए आगे की कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस दिशा में अब तक हुए कामकाज की कल भोपाल में समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में डॉ यादव ने कहा कि इस बस सेवा को इंदौर से जल्द शुरू किया जाए। इस बस सेवा में यात्रियों की सुविधाओं और किफायती किराए का ध्यान रखा जाए।
इस बैठक में बताया गया कि इंदौर से ही यह बस सेवा शुरू की जाएगी। पूरे प्रदेश में इंदौर ही बसों की आवाजाही का सबसे बड़ा केंद्र है। यह निश्चित किया गया है कि इस बस सेवा के तहत जो बसें संचालित की जाएगी उन बसों में आगे के कांच पर उन शहरों और गांव के नाम लिखे जाएंगे जहां पर की यह बस जाएगीं। इस बैठक में प्रदेश के परिवहन सचिव मनीष सिंह ने बताया कि उज्जैन जिले में सार्वजनिक बस के संचालन का विस्तृत सर्वे पूरा कर लिया गया है। जबलपुर और इंदौर में रूट सर्वे तथा श्रेणी वार संचालित बसों की संख्या का अनुमान और आवश्यक सर्वे भी लगभग पूरा किया जा चुका है।
इस सर्वे में 6 बिंदुओं पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जा रहा है। इसमें संस्थागत व्यवस्था एवं स्टाफ, नियम एवं करो में संशोधन रूट सर्वे एवं स्कीम की अधिसूचना, आईटी प्लेटफार्म तथा एजेंसी का चयन और परिवहन संरचना की योजना ऑपरेटर से चर्चा कैपेसिटी बिल्डिंग पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार के द्वारा निजी क्षेत्र की भागीदारी से पूरे रूट पर बस स्टैंड, बस स्टॉप का निर्माण किया जाएगा। बसों की पार्किंग के लिए दीपक बनाए जाएंगे। पूरी अधो संरचना का विकास किया जाना है। यह पूरा कार्य निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ किया जाएगा। इसमें जो बेसन का संचालन होगा वह भी निजी क्षेत्र की भागीदारी का ही होगा।