ओडिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (29 नवंबर) को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो लोग सत्त्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, देश की जनता ने जिनको 10 सालों से सत्ता से दूर रखा है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बीजेपी की उपलब्धियों और केंद्र सरकार की नीतियों को बताते हुए आगामी चुनावों के लिए जनता से समर्थन मांगा.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ राजनीतिक दल सत्ता को अपना "जन्मसिद्ध अधिकार" समझते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जब इन दलों को सत्ता से दूर रखा गया, तो उनका गुस्सा देश की जनता पर उतरने लगा. उन्होंने कहा कि अब यह देश के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. अब यह लोग झूठ की दुकान लेकर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों से हमें सतर्क रहना है ,आपको बचना है. सत्ता के यह भूखे लोग पहले चौकीदार को चोर बता रहे थे, लेकिन अब चौकीदार ईमानदार हो गया. 2024 के चुनाव में इन्हें चौकीदार को गाली देने का मौका नहीं मिला.
बीजेपी की नीतियों का प्रभाव और जनता का समर्थन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की नीतियों और उनके लाभों का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार उनकी सरकार ने गरीबों के जीवन को आसान बनाया. उन्होंने ओडिशा के लिए विशेष रूप से कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री गांवों में सक्रिय रूप से जाते दिखाई दिए. उन्होंने ओडिशा की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन को आदिवासी समुदाय के गौरव का प्रतीक बताते हुए कहा "मुझे खुशी है कि भाजपा के प्रयासों से ओडिशा की आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू जी आज देश की राष्ट्रपति हैं. इससे पूरे देश के आदिवासी समाज का गौरव बढ़ा है.मुर्मू जी के देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने से हर वर्ग की बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ा है.एक आदिवासी बेटी की ये यात्रा आने वाली कई पीढ़ियों तक प्रेरित करेगी".
चुनावी जीत और बीजेपी की ताकत
पीएम मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र, और ओडिशा में भाजपा की बढ़ती शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि राजनीतिक विशेषज्ञों ने भाजपा को ओडिशा में खारिज कर दिया था, लेकिन चुनाव परिणामों ने उन्हें गलत साबित किया. उन्होंने कहा "ओडिशा की जनता ने सभी 'तीस मार खानों' को करारा जवाब दिया. भाजपा को न केवल ओडिशा में बल्कि हरियाणा और महाराष्ट्र में भी अपार समर्थन मिला." प्रधानमंत्री ने ओडिशा पर्व के अनुभव बताते हुए ओड़िया संस्कृति और विरासत की भव्यता को याद किया.
संविधान और लोकतंत्र की मर्यादा पर क्या बोले पीएम?
प्रधानमंत्री ने संविधान की भावना और लोकतंत्र की मर्यादाओं पर जोर देते हुए कहा "कुछ लोग संविधान की भावना को कुचल रहे हैं और लोकतंत्र की मान-मर्यादाओं को अस्वीकार कर रहे हैं." उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक विरोध स्वाभाविक है, लेकिन इसे मर्यादाओं के भीतर होना चाहिए.
भविष्य का रोडमैप मोदी की गारंटी
प्रधानमंत्री ने जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार जो कहती है, उसे पूरा करती है. उन्होंने कहा "इसलिए मैं कहता हूं मोदी की गारंटी यानि हर गारंटी को पूरा होने की गारंटी. हमारी सरकार हर गारंटी को पूरा करने की गारंटी देती है."