पंजाबराज्य

पंजाब ने पराली से निपटने के लिए केंद्र के समक्ष रखा बायोमास पावर प्रोजेक्ट का प्रस्ताव

चंडीगढ़
पराली निस्तारण की दिशा में पंजाब सरकार ने केंद्र के समक्ष एक अहम प्रस्ताव रखा है। पंजाब ने उत्तर भारत के राज्यों में बायोमास पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए कहा है।  इन बायोमास पावर प्रोजेक्ट के लिए पंजाब ने राज्यों को सब्सिडी देने की मांग भी की है। प्रति मेगावाॅट अगर पांच करोड़ की सब्सिडी मिलती है तो राज्य सरकारें बायोमास पावर प्रोजेक्ट्स के जरिये पराली के निस्तारण की दिशा में अहम कदम उठा सकती हैं।

इस सुझाव को अगर एक्शन प्लान के रूप में उतारा जाता है तो इससे पराली निस्तारण में बड़े स्तर पर मदद मिलेगी। यह प्रस्ताव नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में रखा गया। पंजाब से इस अहम बैठक में बिजली एवं लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने हिस्सा लिया। इसके अलावा पंजाब ने बिजली की खरीद पर भारत के सौर ऊर्जा निगम को प्रति यूनिट दिए जाने वाले 7 पैसे के शुल्क को कम किए जाने की मांग की है, क्योंकि यह राज्यों के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ है। पंजाब ने तर्क देते हुए कहा कि कोयला उत्पादक राज्यों से पंजाब की दूरी अधिक होने के कारण परिवहन पर करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

केंद्र अपनी एजेंसियों के माध्यम से कोयला उत्पादक राज्यों के पास मेगा बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट स्थापित करे, जिनसे पंजाब जैसे दूरदराज के राज्यों को बिजली उपलब्ध कराई जा सके ताकि ये राज्य अतिरिक्त परिवहन खर्चों से बच सकें। इस अवसर पर पीएसपीसीएल के सीएमडी बलदेव सिंह सरां भी उपस्थित थे। पंजाब ने बताया कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 4.8 टन प्रतिदिन कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) उत्पादन वाले संयंत्र के लिए 4000 करोड़ की सब्सिडी उपलब्ध कराता है। बायोमास ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को भी सब्सिडी या वित्तीय सामर्थ्यता फंड (वीजीएफ) के रूप में सहायता मिलनी चाहिए ताकि ऐसे प्रोजेक्ट्स की वर्तमान प्रति यूनिट लागत 7.5 से घटकर 5 रुपये हो सके, जिससे न केवल राज्यों को आसानी होगी बल्कि पराली की समस्या का बड़े पैमाने पर समाधान भी होगा।

इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
पीएम-कुसुम योजना के तहत 7.5 हॉर्स पावर तक के सोलर पंपों को 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है, सब्सिडी को कम से कम 15 हॉर्स पावर तक बढ़ाया जाए।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के हिमाचल प्रदेश के रायपुर और घड़ियाल में 4300 मेगावाट क्षमता के दो पंपिंग स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को शीघ्र पूरा करवाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button