राजस्थानराज्य

राजस्थान-केकड़ी में शुरू होगी ‘खेत से खरीद’ योजना, ई-मंडी प्लेटफार्म से डिजिटल होंगी कृषि उपज मंडियां

केकड़ी.

राजस्थान सरकार की वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के अनुरूप 'खेत से खरीद' ई-मंडी प्लेटफार्म योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खेत से फसल खरीदने की सुविधा शीघ्र ही शुरू करने की घोषणा की गई है। इसके तहत फसल की नीलामी व भुगतान सहित माल की आवक से लेकर जावक तक के मंडी समिति के सभी कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे।

भारत में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अक्सर ही बाजार की कठिन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है। मंडियों में किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा और कीमत का निर्णय आढ़तियों द्वारा किया जाता है, जिससे किसानों को उचित दाम नहीं मिलने की शिकायत बनी रहती है। किसानों की इस समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा किसानों के हित में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें से एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल यानि ई-मंडी प्लेटफार्म को शुरू करना सबसे महत्वपूर्ण है। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के शासन सचिव राजन विशाल ने बताया कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों को ई-मंडी प्लेटफार्म के माध्यम से डिजिटल किया जा रहा है, जिसमें ई-ऑक्शन के माध्यम से व्यापारियों को किसी भी स्थान पर भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना ही भाव लगाने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। बजट घोषणा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश में संचालित ई-मंडी प्लेटफार्म का अध्ययन करने हेतु राजस्थान राज्य कृषि विपणन विभाग के पांच अधिकारियों का दल उज्जैन एवं देवास मंडी के भ्रमण हेतु भेजा गया। अध्ययन दल ने गतिविधियों को समझने एवं देखने के पश्चात् मध्यप्रदेश की मंडियों में संचालित ई-मंडी प्लेटफार्म, ई-अनुज्ञा, ई-मंडी फार्मगेट को प्रदेश में लागू करने की दिशा में कई व्यवहारिक और तकनीक से संबंधित सुझाव पेश किए गए हैं। कृषि विपणन निदेशक राजेश चौहान ने बताया कि बजट घोषणा के क्रियान्वयन हेतु खेत से खरीद की परिकल्पना को पूर्ण करने एवं नियमन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ई-मंडी प्लेटफार्म विकसित किया जाना प्रस्तावित हैं, जिससे प्रदेश के किसानों एवं व्यापारियों को बेहतर विपणन सुविधाऐं प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ई-मंडी प्लेटफार्म के विकसित होने से किसान को सीधे अपने खेत से राज्य की किसी भी मंडी में कृषि जिन्स बेचने का विकल्प और सुविधा प्राप्त हो सकेगी। यानी कि यह सुविधा शुरू होने के बाद वह कहीं से भी कभी भी, कहीं भी ई-मंडी प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी फसल विक्रय कर सकेगा। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा, साथ ही मंडी समिति को भी सभी प्रकार की सूचनाएं पंजीकृत व्यापार, मंडी में आने वाले किसान, मंडी शुल्क, उपज के भाव और आवक-जावक का रिकॉर्ड एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेगा। इसके अंतर्गत ई-भुगतान की सरल प्रक्रिया से किसानों एवं व्यापारियों को सुगमता होगी। मंडी रिकॉर्ड एवं नियमन की दृष्टि से अनियमितता भी कम होगी। किसान खेत से अपनी उपज की पूर्ति तथा व्यापारी की मांग के आधार पर निर्णय ले सकेंगे।

ई-मंडी प्लेटफार्म क्या है?
ई-मंडी प्लेटफार्म एक ऑनलाइन कृषि व्यापार मंच है, जहां किसान अपने कृषि उत्पादों को सीधे खरीदारों को बेच सकते हैं। हालांकि यह मंडी पारंपरिक मंडियों की तरह ही है, लेकिन यहां सारा व्यापार ऑनलाइन होता है। यह मंच किसानों और खरीदारों को एक जगह लाने का काम करता है तथा किसानों को प्रतिस्पर्धी दरों पर अपनी फसल बेचने की सुविधा देने के साथ-साथ लाइसेंसधारी व्यापारियों को भी गुणवत्तापूर्ण फसल खरीदने की सुविधा देता है। किसान, बिना मंडी के फेरे लगाएं, घर बैठे अधिकतम खरीदारों से जुड़कर फसल का उचित मूल्य पर प्राप्त कर सकता है।

ई-मंडी व्यापार की संचालन प्रक्रिया
पंजीकरणः
ई-मंडी में खरीद-बिक्री व्यापार का संचालन बहुत ही सरल और पारदर्शी है। किसान और खरीदार दोनों को सबसे पहले ई-मंडी प्लेटफार्म पर पंजीकरण करना होता है और फिर वे लॉगिन कर सकते हैं।
फसल जानकारीः किसान अपने उत्पादों की जानकारी, जैसे कि प्रकार, मात्रा, गुणवत्ता आदि इस प्लेटफॉर्म पर अपलोड करते हैं। इससे खरीदारों को उत्पाद की पूरी जानकारी मिलती है।
बोली प्रक्रियाः खरीदार उत्पादों पर बोली लगाते हैं। किसान विभिन्न बोलियों का मूल्यांकन करते हैं और सबसे उपयुक्त बोली का चयन करते हैं।
मूल्य निर्धारणः एक बार बोली स्वीकृत हो जाने पर, कीमत तय हो जाती है और दोनों पक्षों के बीच सौदा पक्का होता है।
भुगतान और वितरणः सौदा पक्का होने के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होती है। ई-मंडी प्लेटफार्म इस बात का ध्यान रखता है कि भुगतान सुरक्षित और समय पर हों। इसके बाद उत्पाद की डिलीवरी की जाती है।

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