झारखंड/बिहारराज्य

राजस्थान-527 माइनर मिनरल के प्लाटों की ई-ऑक्शन कर सफल नीलामी, 231 करोड़ का राजस्व मिलने के साथ बढ़ेंगे रोजगार

जयपुर।

मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने माइनर मिनरल प्लॉटों के ऑक्शन में भी नया इतिहास रच दिया है। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक माइनर मिनरल के 527 प्लाटों की सफल नीलामी की जा चुकी है। इससे राज्य सरकार को 577 करोड़ 80 लाख रु. का प्रीमियम राशि का राजस्व मिलेगा।      

प्रमुख शासन सचिव माइंस श्री टी. रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जोकि खान मंत्री भी है ने प्रदेश में माइनिंग सेक्टर के समग्र विकास पर जोर देते हुए खनिज खोज व मेजर व माइनर मिनरल के अधिक से अधिक ब्लॉक व प्लॉट तैयार कर ऑक्शन को प्राथमिकता दी गई है। श्री भजन लाल र्श्मा का मानना है कि वैध खनन को बढ़ावा देकर ही अवैध खनन पर अंकुश संभव है। टी. रविकान्त ने बताया कि केंद्र सरकार के माइनिंग प्राबधानों के अनुसार 2017-18 से माइनिंग ब्लॉकों व प्लॉटों के ऑक्शन के ही प्रावधान किये गये। इसके बाद से ऑक्शन के नीलामी के प्रावधानों के बाद से राज्य में अब तक 4914 हैक्टेयर के 2536 माइनर ब्लॉकों का ऑक्शन किया गया है जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 527 प्लॉटों की भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से ई-नीलामी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में मार्च तक 483 प्लॉटों की नीलामी प्रक्रिया जारी है। निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 1044 हैक्टेयर के 527 प्लाटों की नीलामी से राज्य सरकार को 40 प्रतिशत प्रीमियम राशि 231 करोड़ रु. इसी वित्तीय वर्ष में राजस्व के रुप में प्राप्त हो सकेगी। उन्होेंने बताया कि राज्य में सेंड स्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन, क्वार्टज, फेल्ड्सपार, सिलिका सेंड, र्क्वाटजाइट आदि माइनर मिनरल्स के विपुल भण्डार है। विभाग द्वारा रोडमेप बनाकर एक्सप्लोरेशन के साथ ही खनिजों के डेलिनियेशन कर प्लॉट तैयार करने और उनकी ई-नीलामी पर जोर दिया जा रहा है ताकि खनिजों के अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सके। निदेशक श्री कलाल ने बताया कि मिनरल ब्लोम्कॅो व प्लॉटों की नीलामी से प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और रेवेन्यू के नित नए अवसर विकसित हो रहे हैं।

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