
पटना
राजीवनगर के मोबाइल दुकानदार को बेवजह परेशान करने और जबरन पांच मोबाइल रखने के आरोप में अंचल निरीक्षक, राजीवनगर थानाध्यक्ष समेत दस पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस सभी आरोपित पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। आवेदक विनोद कुमार सिंह ने इस बाबत डीजीपी विनय कुमार को आवेदन देकर जांच की मांग की थी। पुलिस मुख्यालय के स्तर से कराई गई जांच में आरोप सही पाया गया।
क्यों हुआ एक्शन?
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, राजीव नगर थाने के द्वारा संदेह के आधार पर एक मोटरसाइकिल और दो मोबाइल के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर थाने की पुलिस ने आवेदक के दुकान पर छापेमारी की और उसके बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान बिना जब्ती सूची बनाए काफी संख्या में मोबाइल फोन दुकान से लिया गया। बाद में राजीवनगर थाने की पुलिस टीम ने पांच कीमती मोबाइल अवैध ढंग से रख लिया गया, जबकि तीन मोबाइल की जब्ती सूची बनाकर शेष मोबाइल दुकानदार को वापस दे दिए गए।
छापेमारी के आरंभ में चोरी होने के संदेह पर जो दो मोबाइल और मोटरसाइकिल जब्त की थी, उसका भी कोई अनुसंधान नहीं किया गया। आवेदक की दुकान से जिन तीन मोबाइल को जब्त किया गया था, वह भी चोरी के नहीं पाए गए। इसके बावजूद थाना पुलिस ने आवेदक के पुत्र सहित सभी के विरुद्ध बिना किसी साक्ष्य के आरोप-पत्र समर्पित कर दिया गया।
इन पर चला निलंबन का डंडा:
अंचल निरीक्षक गौतम कुमार, राजीवनगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार, दारोगा शंभूशंकर सिंह, दारोगा श्याम नारायण सिंह, सिपाही अनिल कुमार, सिपाही ब्रजकिशोर प्रसाद, सिपाही हरिश्चंद्र सिंह, सिपाही प्रभाश कुमार पासवान, सिपाही ओमप्रकाश और चालक बालकिशोर यादव।