मध्य प्रदेशराज्य

RSS प्रमुख मोहन भागवत 13 सितंबर को इंदौर में, 8 महीने में चौथा दौरा; पुस्तक विमोचन में होंगे शामिल

इंदौर 

RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 13 सितंबर को इंदौर में रहेंगे। सरसंघचालक भागवत का यह इंदौर में साल का चौथा दौरा है। इस बार मोहन भागवत इंदौर में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं।

भागवत 14 सितंबर रविवार शाम तक इंदौर में रहेंगे। रविवार दोपहर 3.15 बजे स्थानीय ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्य मंत्रिमंडल के कई सदस्य और कुछ गणमान्य लोग भी समारोह में उपस्थित रहेंगे। बता दें की पटेल ने यह पुस्तक अपनी नर्मदा परिक्रमा के दौरान लिखी थी। उन्होंने दो बार 1994 और 2007 में पैदल नर्मदा परिक्रमा की थी।

संघ प्रमुख का यह चौथा दौरा संघ प्रमुख का पिछले 8 महीने में यह चौथा इंदौर का दौरा है। इससे पहले वह 3 जनवरी 2025, 13 जनवरी 2025 और 10 अगस्त 2025 में इंदौर आ चुके हैं।

इस साल इन कार्यक्रम में आ चुके हैं संघ प्रमुख

    डॉ. मोहन भागवत इस साल सबसे पहले 3 जनवरी को इंदौर आए थे। वह इंदौर में आरएसएस के शताब्दी कार्यक्रम स्वर शतकम में हुए शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि हर अग्रपंक्ति में हमारा देश होना चाहिए। ऐसा भारत संघ के कार्य से खड़ा होगा और इसलिए संघ कार्य में जो करना आवश्यक होगा, वह मैं करूंगा।

    दूसरी बार डॉ. भागवत इंदौर में 13 जनवरी को आए थे। इस दौरान उन्होंने इंदौर में श्री रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को देवी अहिल्या राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया था। तब उन्होंने कहा था कि लोग पूछते थे कि राम मंदिर क्यों जरूरी? रोजगार, गरीबी, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं की बात क्यों नहीं करते। मैं कहता था कि रोजगार, खुशहाली का रास्ता भी राम मंदिर से होकर जाता है। हमने हमेशा समाजवाद, रोजगार, गरीबी की बात की, लेकिन क्या हुआ। हमारे साथ चले जापान-इजराइल आज कहां से कहां पहुंच गए।

    तीसरी बार संघ प्रमुख 10 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दूसरे इंदौर में आए थे। इस दौरान मोहन भागवत ने 96 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए कैंसर केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया था। तब भागवत ने सभी जाति-बिरादरी के प्रमुखों से कमजोर वर्गों को ऊपर उठाने के लिए मिलकर प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा देश में आज शिक्षा और स्वास्थ्य आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गए हैं। इन दोनों ही सेवाओं को कमर्शियल बना दिया गया है।

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