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2025 में भारत में वेतन वृद्धि पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक रहने का अनुमान

नईदिल्ली

 एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश की कॉरपोरेट कंपनियों में काम कर रहे लोगों के वेतन में 2025 में 9.5 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। यह अनुमान 2024 की वास्तविक वेतन वृद्धि के समान ही हैं।

डब्ल्यूटीडब्ल्यू की नवीनतम वेतन बजट योजना रिपोर्ट के अनुसार, भारत में औसत वेतन वृद्धि 2025 में 9.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, वर्ष 2024 की वास्तविक वेतन वृद्धि भी 9.5 प्रतिशत ही रही है।

भारत में यह वेतन वृद्धि पूरे क्षेत्र में सबसे अधिक है। वियतनाम (7.6 प्रतिशत), इंडोनेशिया (6.5 प्रतिशत), फिलीपींस (5.6 प्रतिशत), चीन (5 प्रतिशत) और थाईलैंड (5 प्रतिशत) जैसे बाजारों में भी अगले साल मजबूत वेतन वृद्धि दिख सकती है।

वेतन बजट योजना से जुड़ी रिपोर्ट डब्ल्यूटीडब्ल्यू के रिवार्ड्स डेटा इंटेलिजेंस प्रैक्टिस द्वारा संकलित की जाती है। यह सर्वेक्षण अप्रैल और जून 2024 में आयोजित किया गया था। इस दौरान दुनिया भर के 168 देशों की कंपनियों से लगभग 32,000 प्रतिक्रियाएं ली गईं थी। सर्वेक्षण में भारत से 709 प्रतिभागी शामिल किए गए थे।

WTW इंडिया के कंसल्टिंग लीडर, वर्क एंड रिवॉर्ड्स, राजुल माथुर के अनुसार भारत में कंपनियाँ विकास के बारे में आशावादी हैं। वे आशावाद को सावधानी के साथ संतुलित भी कर रहे हैं। इस्तीफे का दौर पीछे छूट गया है। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों अब स्थिरता चाहते हैं और बाजार की भावना भी स्थिर बनी हुई है।

2025 में, फार्मास्यूटिकल्स (10 प्रतिशत), मैन्युफैक्चरिंग (9.9 प्रतिशत), बीमा (9.7 प्रतिशत), कैप्टिव और एसएसओ सेक्टर (9.7 प्रतिशत) और रिटेल (9.6 प्रतिशत) जैसे उद्योगों में वेतन वृद्धि सामान्य उद्योगों के वेतन औसत से अधिक रहने की संभावना है। सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विसेज के क्षेत्र में 9 प्रतिशत तक की वेतन वृद्धि हो सकती है। इस क्षेत्र में वेतन वृद्धि औसत 9.5 प्रतिशत से नीचे रहने का अनुमान है।

इस सर्वे के मुताबिक देश में अगले साल यानी 2025 में लोगों को पहले से ज्यादा सैलरी मिलेगी, रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में लोगों की औसतन सैलरी साढ़े 9 फीसदी तक बढ़ सकती है, जबकि 2024 में ये बढ़ोतरी 9.3 फीसदी रहने का अनुमान है.

सबसे ज्यादा इन सेक्टर्स में बढ़ेगी सैलरी

ऐसा अलग-अलग सेक्टर्स में पॉजिटिव कारोबारी माहौल की वजह से होने का अनुमान है. अगर अलग-अलग सेक्टर्स की बात करें तो इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर्स में 10 फीसदी की वेतन बढ़ोतरी का अनुमान है. जबकि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स में सैलरी इंक्रीमेंट 9.9 फीसदी हो सकता है.

  वहीं टेक्निकल प्रॉडक्शन के कर्मचारियों को 9.3 फीसदी वेतन बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है, और सर्विस सेक्टर में सैलरी इंक्रीमेंट 8.1 परसेंट हो सकता है. एऑन के मुताबिक वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत में कई सेक्टर्स में पॉजिटिव माहौल बना हुआ है. ये मैन्युफैक्चरिंग, बायोसाइंस और रिटेल सेक्टर्स में अनुमानित वेतन बढ़ोतरी से साफ नजर भी आ रहा है.

ऐसे कर्मचारियों को मिल रही है तगड़ी सैलरी

इसके अलावा भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था कई क्षेत्रों में कारोबार को बढ़ा रही है. इसके लिए कंपनियों को अच्छे कर्मचारी चाहिए तो वो ज्यादा वेतन दे रही हैं, और महंगाई में हो रही बढ़ोतरी भी कर्मचारियों के ज्यादा वेतन की वजह बन रही है.

सर्वे में ये भी बताया गया है कि नौकरी बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनियों को बदलते बाजार के आंकड़ों का ध्यान में रखकर रणनीति बनानी चाहिए. इस साल औसतन 16.9 फीसदी कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ी, जबकि 2023 में ये अनुपात 18.7 फीसदी और 2022 में 21.4 फीसदी था.

एऑन के मुताबिक नौकरी छोड़ने की दर में कमी कंपनियों को अंदरुनी विकास और उत्पादकता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देती है. एऑन का ये सर्वे 40 उद्योगों की 1176 से ज्यादा कंपनियों के आंकड़ों पर आधारित है.

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