पंजाबराज्य

बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया

पंजाब 
पंजाब के बाढ़ प्रभावित सीमावर्ती जिलों का हाल जानने और सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को व्यापक हवाई सर्वेक्षण किया। बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) आईपीएस सतीश खंडारे, आईजी अतुल फुलजेले तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हेलिकॉप्टर से गुरदासपुर, अमृतसर और फिरोजपुर जिलों का दौरा किया।

इस सर्वेक्षण का मकसद सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आकलन करना और प्रभावित क्षेत्रों में चल रही सुरक्षा एवं राहत गतिविधियों की समीक्षा करना था। एडीजी खंडारे ने इस दौरान बीएसएफ अधिकारियों और जवानों के साथ बैठक कर बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की। उन्होंने खास तौर पर उन क्षेत्रों में सुरक्षा तैयारियों पर जोर दिया, जहां जलभराव के कारण निगरानी और गश्त करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

उन्होंने जवानों की मानवीय सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि बीएसएफ न केवल सीमा की रक्षा कर रही है बल्कि आपदा की इस घड़ी में ग्रामीणों के जीवन और पशुधन को भी बचा रही है। बाढ़ प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, बीमार और घायल ग्रामीणों व पशुओं को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने और राहत सामग्री वितरित करने जैसे कार्यों को उन्होंने "प्रशंसनीय" करार दिया।

हवाई सर्वेक्षण के बाद एडीजी खंडारे ने जालंधर स्थित बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मौजूदा सीमा सुरक्षा चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के उपायों पर विचार किया ताकि किसी भी तरह की असामाजिक या शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को रोका जा सके।

बैठक में यह भी तय किया गया कि राहत और बचाव अभियानों को और तेज किया जाएगा तथा स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बढ़ाया जाएगा। बीएसएफ अधिकारियों का मानना है कि आपदा प्रबंधन में सुरक्षा एजेंसियों और सिविल प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय से लोगों को शीघ्र राहत मिल सकेगी।

बीएसएफ के इस हवाई सर्वेक्षण और समीक्षा बैठक से यह साफ है कि संगठन सीमा सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभाने में भी अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में उनकी सक्रियता से स्थानीय लोगों में विश्वास और सुरक्षा की भावना और मजबूत हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button