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UN से शहबाज ने लगाई बचाने की गुहार, भारत को कोई तो रोक लो… हमले की आशंका से डरा पाक गिड़गिड़ा रहा

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के नेता देश की जनता के सामने भारत को चुनौती दे रहे हैं। पाकिस्तान के नेता देश की संसद में बाबरी मस्जिद की बुनियाद की ईंट रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की सरकार भारत के हमले से डरकर यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद 'भारत को सलाह' देने की अपील की है। शहबाज शरीफ ने यूएन सेक्रेटरी से उस वक्त बात की है जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की छूट दे दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ अगले 24 से 48 घंटे में भारतीय हमले की आशंका जता रहे हैं।

पाकिस्तान के नेता अपने अवाम के सामने सीना फुलाकर खड़ी है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सामने देश की सरकार छाती पीट रही है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के नेता बार बार इसलिए भाकत से हमले की आशंका जता रहे हैं, ताकि अंतर्राष्ट्रीय संगठन हस्तक्षेप करे और भारत को हमले से रोके। कई इंटरनेशनल रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध में पैसों के लिए पाकिस्तान ने भारी मात्रा में हथियार बेच डाले हैं, लिहाजा पाकिस्तान के पास ज्यादा दिनों तक लड़ने के लिए गोला-बारूद ही नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान की कोशिश देश की अवाम के सामने खुद को मजबूत दिखाने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मध्यस्थता के लिए राजी करना है।

एंटोनियो गुटेरेस ने एस जयशंकर से भी बात की 

यूनाइटेड नेशन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार (29 अप्रैल 2025) को पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की.

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर UN ने चिंता जताई

महासचिव ने इन हमलों के लिए कानूनी तरीकों से न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर भी गहरी चिंता व्यक्त की और ऐसे टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने तनाव कम करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अपना सहयोग देने की पेशकश की.

पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के संबंध में पाकिस्तान के खिलाफ अपने आरोपों के लिए एक भी सबूत नहीं दिया है. बौखलाए पाक आधिकारी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के अंदर सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने में भारत का हाथ है.

यूनाइटेड नेशंस से गुहार लगा रहा पाकिस्तान
मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी किए गये एक बयान में कहा गया है कि "शहबाज शरीफ ने पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार कर दिया है।" इसके अलावा शहबाज शरीफ के कार्यालय ने कहा है कि "प्रधानमंत्री इस बात पर जोर देते हुए, कि भारत द्वारा किसी भी दुस्साहस की स्थिति में पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की पूरी ताकत से रक्षा करेगा, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भारत को जिम्मेदारी से काम करने और संयम बरतने की सलाह देने की अपील की है।" इसके बाद यूनाइटेड नेशंस के सेक्रेटरी टोनियो गुटेरेस ने भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को फोन करके दोनों पक्षों से तनाव कम करने और तनाव को बढ़ने से रोकने का आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा है कि "उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की और टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसके दुखद परिणाम हो सकते हैं।" इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए अपने ऑफिस से मदद का ऑफर दिया है। लेकिन दूसरी तरफ पहलगाम आतंकी हमले के बाद मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की है। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और थल सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक "प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर फैसला लेने का पूरा ऑपरेशनल फ्रीडम है।" उन्होंने भारतीय सेना के सामने भारत के 'आतंकवाद को कुचलने के लिए राष्ट्रीय संकल्प' बताया है। इसके अलावा आज प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक चार बड़ी बैठकें करने वाले हैं। जिनमें पहली बड़ी बैठक कैबिनेट की सुरक्षा कमेटी की होगी। ये बैठक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और संभावना है कि यहीं से पाकिस्तान के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाना है, उसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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