
पंजाब
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हिंदू धार्मिक प्रतीक शिवलिंग के व्यावसायिक इस्तेमाल को लेकर दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। याचिका में एक निजी कंपनी द्वारा शिवलिंग को ट्रेडमार्क के रूप में इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजिव बेरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में अत्यधिक संवेदनशील हो रही हैं।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा, “आप इन चीजों को लेकर इतने संवेदनशील क्यों हो रही हैं? मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। यह सालों से चल रहा है। अचानक यह धार्मिक भावनाओं का उफान क्यों? आप जरूरत से जायादा संवेदनशील हो रही हैं।”
याचिकाकर्ता मेघना खुल्लर ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि शिवलिंग जैसे पवित्र प्रतीक का व्यावसायिक उपयोग धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और इसे रोकने के लिए हस्तक्षेप होना चाहिए। इसपर कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए पहले से ही अपील मंच और कानूनी प्रक्रिया मौजूद है। कोर्ट ने कहा, “इन ब्रांड्स के लोगो होते हैं, जिन्हें अलग-अलग कानूनों के तहत सुरक्षा मिली होती है। आपको वहीं जाना चाहिए। कोर्ट नहीं आना चाहिए।”
एएसजी सत्य पाल जैन ने अदालत को बताया कि केंद्र सरकार पहले ही याचिकाकर्ता से कथित व्यावसायिक उपयोग की जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
कोर्ट ने पाया कि शिकायत पहले से ही संबंधित अधिकारियों के पास लंबित है और उस पर कार्रवाई चल रही है। उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति में यह कोर्ट उस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहेगा। इस आधार पर याचिका खारिज की जाती है।” हालांकि, हाईकोर्ट ने शिकायत का हल नहीं निकलने की स्थिति में याचिकाकर्ता को पुनः कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी है।