
ग्वालियर/भिंड –
ओबीसी महासभा संगठन ने ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों की बहाली के लिए बिगुल फूंक दिया है। संगठन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य जीतू लोधी ने ऐलान किया है कि यदि सरकार ने जल्द ही ओबीसी आरक्षण बहाल नहीं किया और चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी, तो 28 जुलाई को राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
प्रदर्शन में वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि जातिगत जनगणना ही एकमात्र उपाय है, जिससे यह पता चलेगा कि किस वर्ग की संख्या कितनी है और उनका वास्तविक प्रतिनिधित्व क्या होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा जातिगत जनगणना की घोषणा का स्वागत किया, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
ओबीसी महासभा की प्रमुख —-
ओबीसी महासभा पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य जीतू लोधी ने बताया कि संगठन की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
ओबीसी आरक्षण पर लगी 13% की रोक हटाकर पूर्ण 27% आरक्षण बहाल करना।
चयनित अभ्यर्थियों को तुरंत नियुक्ति देना।
ओबीसी वर्ग के लिए 52% आरक्षण लागू करना।
वर्षों से लंबित बैकलॉग पदों को भरना।
न्यायपालिका में भारतीय न्यायिक सेवा लागू करना व कॉलेजियम प्रणाली समाप्त करना।
प्रदेश में 125 विधानसभा सीटों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित किया जाना।
आउटसोर्स भर्ती बंद कर सीधी भर्ती शुरू करना।
लहचूरा की 2 हजार बीघा कृषि भूमि पर कमेटी बनाकर ग्रामीणों को न्याय दिलाना।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करना।
28 जुलाई को होगा ऐतिहासिक प्रदर्शन।
महासभा ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो 28 जुलाई को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का ऐतिहासिक घेराव किया जाएगा। इस आंदोलन में पूरे प्रदेश से ओबीसी समाज के युवा, महिलाएं, व अन्य संघठन,सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और संगठन के पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।