
इंदौर
जा रघुवंशी की हत्या के मामले में मेघालय पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हत्या के बाद सोनम बुर्का पहनकर मेघालय से भाग गई थी। वह टैक्सी, बस और ट्रेन से मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंची। हत्या की योजना फरवरी में ही बननी शुरू हो गई थी। साजिश को अंतिम रूप इंदौर में शादी से ठीक पहले दिया गया, जिसमें सोनम भी शामिल थी। पुलिस ने राज कुशवाहा के तीन दोस्तों विशाल, आकाश और आनंद को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार सोनम 26 मई से आठ जून तक इंदौर में रही है।
सुपारी किलर नहीं थे ये
पुलिस के अनुसार, ये सुपारी किलर नहीं थे, बल्कि राज के दोस्त थे और दोस्ती के लिए हत्या करने को तैयार हो गए थे। राजा को मारने के बाद, आरोपियों ने एक और महिला की हत्या करके उसे सोनम के रूप में पेश करने की योजना बनाई थी। हालांकि, पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गहराई से कर रही जांच
मेघालय पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। ईस्ट खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सिएम ने इस मामले में कई अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने बताया कि हत्या की साजिश कैसे रची गई और कैसे आरोपियों ने इसे अंजाम दिया।
पुलिस अधीक्षक विवेक सिएम ने बताया कि राजा की हत्या की योजना बहुत पहले से बन रही थी। आरोपियों ने 19 मई को असम में राजा को मारने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद सोनम ने शिलॉन्ग और सोहरा जाने का सुझाव दिया। सभी आरोपी नोंग्रियात में मिले। वहां से वाई वेसाडोंग फॉल्स के लिए निकले।
पूर्वी खासी हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राजा की हत्या की साजिश 11 मई को सोनम के साथ उसकी शादी से ठीक पहले इंदौर में रची गई थी तथा इसका मास्टरमाइंड राज कुशवाह है, जबकि सोनम ने इस साजिश के लिए सहमति जताई थी.
पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने कहा, “तीनों युवक दोस्त थे और उनमें से एक राज का चचेरा भाई है. यह हत्या की सुपारी देने का कोई मामला नहीं है. हां, योजना हत्या की थी और उन्होंने अपने दोस्त राज की मदद करने के लिए ऐसा किया.” पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज ने उन्हें खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए थे. उन्होंने बताया कि वारदात की योजना फरवरी में इंदौर में शुरू हुई थी और उन्होंने राजा की हत्या के बाद सोनम के वहां से फरार होने के तरीके सोचे थे.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपियों की एक योजना यह थी कि लोगों को विश्वास दिलाया जाए कि वह झरने में बह गई होगी. दूसरी योजना यह थी कि किसी अनजान महिला की हत्या कर दी जाए, उसके शव को दोपहिया वाहन पर लाद दिया जाए, शव को जला दिया जाए और दावा किया जाए कि यह सोनम का शव है. हालांकि, कोई भी योजना सफल नहीं हुई.”
18 मिनट में कर दी हत्या
विवेक सिएम के अनुसार, दोपहर 2:00 बजे से 2:18 बजे के बीच तीनों ने राजा पर माचेते (चाकू जैसे हथियार) से हमला कर दिया। सोनम के सामने ही राजा की हत्या कर दी गई। फिर लाश को खाई में फेंक दिया गया। हत्या के बाद सोनम ने अपना रेनकोट आकाश को दिया, क्योंकि उसकी शर्ट पर खून के धब्बे थे। बाद में उस रेनकोट और टू-व्हीलर को घटनास्थल से कुछ दूरी पर छोड़ दिया गया। पुलिस ने सोनम के 'लापता' होने के दौरान इसे बरामद किया था।
बुर्का पहनकर भागी थी सोनम
सोनम की फरारी की कहानी भी काफी दिलचस्प है। राज ने अपने दोस्त विशाल को एक बुर्का दिया, जिसे सोनम ने पहना। वह पुलिस बाजार से टैक्सी लेकर गुवाहाटी गई। फिर बस से सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल), फिर पटना और आरा, फिर ट्रेन से लखनऊ और वहां से बस से इंदौर पहुंची।
गाइड की बात से खुलासा हुआ
पूरा मामला तब खुला जब मेघालय मीडिया ने एक गाइड से बात की। उस गाइड ने राजा और सोनम को तीन अन्य लोगों के साथ देखा था। राज ने सोनम से कहा था कि वह सिलीगुड़ी जाकर खुद को अगवा बताकर पेश करे। लेकिन 8 जून को सोनम जब इंदौर से निकली, तभी मेघालय पुलिस की दो टीमें यूपी और मध्यप्रदेश पहुंच चुकी थीं।
जब पहली गिरफ्तारी (आकाश) हुई, तब राज घबरा गया। उसने सोनम से कहा कि वह अपने परिवार को फोन कर दे और कहे कि वह किसी गैंग से बचकर निकली है। यहीं से यह पूरा मामला उजागर हुआ और सोनम गाज़ीपुर में पुलिस के सामने आई। सोनम और राज को लगा था कि राजा की लाश जल्दी नहीं मिलेगी क्योंकि जगह बहुत दुर्गम थी और जांच में महीने भर का वक्त लग सकता था। इसी वजह से सोनम खुद को अगवा दिखाकर सहानुभूति पाना चाहती थी।
90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल कर देंगे
एसपी सिएम ने कहा कि आरोपियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि 90 दिनों की समयसीमा के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। सभी पांच आरोपियों को बुधवार को 8 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।