
भोपाल
कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताने वाले एमपी के कैबिनेट मंत्री विजय शाह मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। अब मामले में जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
बुधवार (28 मई) को सुप्रीम कोर्ट में विजय शाह मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को जांच पूरी करने के लिए समय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक हाईकोर्ट में सुनवाई बंद रहे। आपको बता दें कि विजय शाह मामले में SIT जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को जांच पूरी करने के लिए समय दिया है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी रखा है, जिसमें विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक है। इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
दरअसल, मंत्री विजय शाह की विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विशेष जांच दल का गठन कर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। अब बुधवार को स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में चर्चा हुई। बता दें कि मंत्री विजय शाह इस मामले में कई बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली है।
शाह के बयान ले सकती है एसआईटी
एसआईटी की जांच जारी रहेगी। पूरी जांच के बाद ही एसआईटी सुप्रीम कोर्ट में फिर अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के निर्देश पर धार जिले के मानपुर थाने में दर्ज एफआईआर की जांच करने के लिए भी कहा था। एसआईटी विजय शाह के भी बयान ले सकती है।
वहीं, अब एसआईटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर विजय शाह को लेकर भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व की निगाह टिकी है। शाह के बयान से हुई किरकिरी और विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा मंत्री पद से हटाने की मांग के बाद भाजपा सीधा कोई निर्णय लेने की जगह एसआईटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है। यदि एसआईटी की जांच रिपोर्ट शाह के खिलाफ रही और सुप्रीम कोर्ट का रुख कड़ा रहा, तो उनका मंत्री पद जाने से लेकर गिरफ्तारी तक हो सकती है।
SIT ने मंत्री शाह के खिलाफ जुटाए डिजिटल सबूत
तीन आईपीएस अधिकारियों के विशेष जांच दल ने मंगलवार को अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। तीनों अधिकारियों ने 21 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर मामले में जांच शुरू की थी। एसआईटी ने इस मंत्री शाह के विवादित बयान से जुड़े सबूत और दस्तावेज मानपुर थाने से लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार की है।
मंत्री विजय शाह के बयान नहीं
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ डिजिटल सबूत जुटाए हैं, जिसमें उनके द्वारा जारी किए गए वीडियो बयान शामिल हैं। इन वीडियो को हैश वैल्यू के माध्यम से सत्यापित किया गया है, जिससे यह साबित होता है कि वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। एसआईटी ने इस वीडियो को ही शाह के खिलाफ बड़ा सबूत माना है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में उन लोगों के भी बयान दर्ज किए है जो 11 मई को रायकुंडा गांव में हुए कार्यक्रम के मंच पर मौजूद थे। हालांकि, टीम ने मंत्री विजय शाह के बयान नहीं लिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT का गठन
मंत्री विजय ने जबलपुर हाईकोर्ट के 14 मई के FIR दर्ज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में 19 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री शाह की माफी को नामंजूर कर दिया था, साथ ही उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं, आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही मामले में जांच के लिए शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मंत्री शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर FIR हुई मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, SIT की रिपोर्ट की कॉपी इस केस के सुप्रीम कोर्ट में इंटर विनर व कांग्रेस नेता जय ठाकुर के वकीलों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। वकील इस पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।
एमपी हाईकोर्ट ने लगाई थी मंत्री को फटकार
बता दें कि भारतीय सेना की कर्नल कुरैशी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी को बवाल मचा हुआ है। बिगड़े बोल बोलने वाले मंत्री विजय के मामले में सत्ता और संगठन ने गंभीरता दिखाई है। उन्हें सत्ता और संगठन से फटकार लगी है। वहीं विवादित बयान को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच जबलपुर हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद मंत्री शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ कोर्ट ने टिप्पणी करने और गटर जैसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई थी।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बयान में मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कहा था। उनके इस बयान पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196 (1)(b) और 197(1)(c) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया था।