
पटना
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि वे बिहार आए जरूर, लेकिन उन्होंने इसकी तैयारी सही नहीं की थी। उन्होंने सही आंकड़े नहीं दिए। पटना में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि अगली बार जब वे यहां आएं तो पूरी तैयारी करके आएं। उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री बिहार आकर जंगलराज की बात करते हैं, तो उन्हें आंकड़ों पर बात करनी चाहिए।
तेजस्वी यादव ने एनसीआरबी के आंकड़ों के आधार पर पिछले 20 सालों में बिहार में अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान 65 हजार लोगों की हत्याएं हुई हैं, एक लाख अपहरण हुए हैं और तीन लाख से ज्यादा चोरी की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव कब होना है, यह भाजपा के हाथ में है। भाजपा जब चुनाव आयोग को इशारा करेगी, तभी बिहार में चुनाव हो जाएंगे।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 20 साल तक जिन लोगों ने शोषण किया, बिहार के लोग इस बार उन्हें सबक सिखाएंगे और परिवर्तन करेंगे। उन्होंने महागठबंधन सरकार की चर्चा करते हुए कहा कि जातीय गणना के आधार पर बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया था, केंद्रीय गृह मंत्री को बताना चाहिए था कि यह बढ़ा दायरा नौंवी अनुसूची में क्यों नहीं डाला गया?
उन्होंने बहस की चुनौती देते हुए कहा कि अमित शाह उन्हें जहां बुलाएंगे, वहीं खड़े होकर उनसे बहस करेंगे। आंकड़ों के आधार पर जवाब देंगे। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण करने की केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा पर कहा कि 20 साल तक क्या किया?
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार के दौरान गुजरात को कितनी राशि दी गई और बिहार को कितनी राशि दी गई, यह उन्हें बताना चाहिए। वक्फ संशोधन बिल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग शुरू से इस बिल का विरोध कर रहे हैं। हम और लालू यादव इस बिल के विरोध में आयोजित धरना-प्रदर्शन में भी शामिल हुए। यह असंवैधानिक बिल है। देश को बांटने वाला बिल है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा कि उनके बारे में तरह-तरह की बातें आ रही हैं। मुझे उनकी हालत पर चिंता हो रही है। उनके साथ आखिर क्या हो रहा है?