मध्य प्रदेशराज्य

रतनगढ़ माता मंदिर में लक्खी मेले का आगाज़: 25 लाख श्रद्धालुओं की उम्मीद, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम

दतिया 

 प्रसिद्ध रतनगढ़ माता मंदिर पर तीन दिवसीय लक्खी मंगलवार से शुरू हो गया है। तीन दिन में लगभग 25 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। यहां राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालु आते हैं। बुधवार को सर्पदंश पीडि़तों के बंध काटे जाएंगे। मान्यता है कि माता रतनगढ़ के दरबार में सर्पदंश का जहर उतर जाता है।

सुरक्षा  के लिए 100 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। ज्ञात रहे कि 2006 में मड़ीखेड़ा डैम से पानी छोड़े जाने से सिंध नदी में नाव पलट गई थी। इसमें 56 की मौत हुई थी। 2013 में नए पुल पर भगदड़ में 115 की जान गई थी।

8 सेक्टर में बांटा

एमपी के इस मंदिर में लगाए गए घंटे का वजन 1935 किलो है। इसे देश का सबसे बड़ा और वजनी घंटा बताया जाता है। 16 अक्टूबर 2015 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोकार्पण किया था। सेंवढ़ा एसडीएम अशोक अवस्थी के अनुसार जिलेभर के अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। आठ सेक्टर में 1800 पुलिस बल व 1500 अधिकारी-कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम रहे, इसके लिए आने और जाने के अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं। वहीं, 25 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जिनमें पर्याप्त रोशनी, पीने के पानी के टैंकर और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

कलेक्टर ने बताया कि श्रद्धालुओं का आगमन 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। प्रशासन ने सुरक्षा दृष्टि से ट्रैक्टर में डबल ट्रॉली लाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि मोटरसाइकिल पर तीन सवारी न बैठाएं और हेलमेट का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।

उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे श्रद्धा और सावधानी के साथ माता रतनगढ़ के दर्शन करें और किसी भी अफवाह या भ्रामक जानकारी से बचें। किसी जानकारी की पुष्टि शासकीय अधिकारी या कंट्रोल रूम के माध्यम से ही करें।

रतनगढ़ माता मेला दतिया की धार्मिक पहचान है, इसे श्रद्धालुओं के सहयोग से शांतिपूर्ण और सफल बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button