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‘मशरूम लेडी ऑफ हरियाणा’ – प्रोफेसर की खेती ने कैसे बदल दी ग्रामीण तस्वीर

सोनीपत
हमारे समाज में यह माना जाता रहा है कि खेतीबाड़ी तो सिर्फ पुरुष ही संभाल सकते हैं, मगर सोनीपत की प्रोफेसर सोनिया दहिया ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के बूते इस मिथक को तोड़ दिया। सोनिया दहिया एक असिस्टेंट प्रोफेसर हैं जो हरियाणा के सोनीपत जिले से हैं। उन्होंने अपने पति विजय दहिया के साथ मिलकर मशरूम की खेती में जबरदस्त सफलता हासिल की है। सोनिया दहिया को 'हरियाणा की मशरूम लेडी' के नाम से भी जाना जाता है।

बायोटेक्नाेलॉजी में पीएचडी सोनिया दहिया मुरथल स्थित दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। उनके पति विजय दहिया दिल्ली स्थित महाराजा सूरजमल संस्थान में गणित के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। कोरोना काल में जब सभी संस्थान बंद थे, तब खाली समय में कुछ नया करने के विचार से सोनिया दहिया ने सोनीपत से सटे अपने गांव बड़वासनी में खाली पड़ी अपनी एक एकड़ जमीन पर मशरूम की खेती करने का आइडिया दिया। 

मशरूम फार्म की विशेषताएं
सोनिया दहिया के फार्म में हाई-टेक और कंट्रोल्ड एनवायरमेंट में बटन मशरूम उगाए जाते हैं। उनके फार्म में करीब 20 ग्रामीण महिलाएं काम करती हैं जिन्हें स्थायी रोजगार मिला हुआ है। सोनिया दहिया महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का समर्थन करती हैं और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं ।
 
सफलता के मंत्र
सोनिया दहिया का मानना है कि व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी सही समय का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि शुरुआत करना ही सबसे बड़ा कदम होता है।उन्होंने अपने अनुभव से सीखा है कि मशरूम की खेती करना मुश्किल काम नहीं है और इसकी खेती उन लोगों के लिए अच्छा ऑप्शन है जो पारंपरिक नौकरी को छोड़कर खुद का काम शुरू करना चाहते हैं ⁴।

 

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