मध्य प्रदेशराज्य

मुलताई को जिला घोषित करने का प्रस्ताव नगरपालिका परिषद ने किया पारित, आयोग के फैसले से शुरू हुआ विरोध

मुलताई

 मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में संभाग, जिलों और तहसीलों के पुनर्गठन को लेकर बनाए गए आयोग ने बैतूल की मुलताई (Multai) तहसील को पांढुर्ना जिले में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. लेकिन, दूसरी तरफ ना सिर्फ इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध हो रहा है, बल्कि मुलताई नगरपालिका परिषद ने तो इसे जिला घोषित करवाने का एक प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और सारे राजनीतिक दल और संगठन इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. बता दें कि ताप्ती नदी (Tapti River) के उद्गम स्थल मुलताई को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले 15 सालों से आंदोलन जारी है, जो इस प्रस्ताव के बाद और तेज हो सकता है.

15 साल से हो रही जिला बनाने की मांग

बैतूल की मुलताई तहसील को जिले और राज्य की पवित्र नगरी माना जाता है. पवित्र ताप्ती नदी का उद्गम स्थान मुलताई में है. मुलताई बैतूल जिले की पहचान है. इसे जिला घोषित किए जाने की मांग पिछले 15 साल से लगातार हो रही है, लेकिन अब राज्य पुनर्गठन आयोग के एक प्रस्ताव ने इस आग में घी का काम कर दिया है. आयोग ने मुलताई को जिला नहीं, बल्कि पांढुर्ना जिले में शामिल किए जाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे लेकर मुलताई में विरोध के स्वर उठने लगे हैं. मुलताई के लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.

नगरपालिका ने पारित किया प्रस्ताव

जैसे ही मुलताई को पांढुर्ना में शामिल करने की बात सामने आई, वैसे ही मुलताई नगरपालिका परिषद ने मुलताई को जिला बनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि मुलताई या तो जिला बनेगा या फिर बैतूल में ही रहेगा. बैतूल के सांसद और केंद्रीय जनजातीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके सहित जिले के सभी पांच भाजपा विधायकों ने ये कह दिया कि मुलताई तहसील किसी भी हाल में पांढुर्ना जिले का हिस्सा नहीं बनेगी.

आयोग के प्रस्ताव ने दी हवा

धार्मिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से मुलताई तहसील बैतूल जिले का एक अहम हिस्सा है. पिछले 15 साल से मुलताई को जिला बनाने की मांग को लेकर कई आंदोलन हुए हैं, जो आश्वासनों के बाद स्थगित हो गए. लेकिन, अब पुनर्गठन आयोग के प्रस्ताव ने इस मुद्दे को दोबारा हवा दे दी है. इससे मुलताई को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो रही है. इस मुद्दे पर आगामी दिनों में बड़े आंदोलन की संभावना है. अगर मुलताई पांढुर्ना जिले में शामिल नहीं भी हुआ, तब भी इसे जिला बनाने की मांग जारी रहेगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button