विदेश

अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत घटी! दो दशक में पहली बार टॉप 10 से बाहर

वाशिंगटन
अमेरिका की साख को बड़ा झटका लगा है. Henley Passport Index के ताजा आंकड़ों में अमेरिकी पासपोर्ट 20 साल में पहली बार दुनिया के टॉप 10 सबसे पावरफुल पासपोर्ट्स की लिस्ट से बाहर हो गया है. अब यह 12वें पायदान पर पहुंच गया है और मलेशिया के साथ टाई हो गया है. कभी नंबर 1 पर रहा अमेरिकी पासपोर्ट अब सिर्फ 180 देशों में वीजा-फ्री या वीजा-ऑन-अराइवल एंट्री देता है. यह गिरावट ग्लोबल सॉफ्ट पावर में अमेरिका के कमजोर होते प्रभाव का संकेत मानी जा रही है. वहीं, एशिया-पैसिफिक देशों ने एक बार फिर पासपोर्ट पावर में बाजी मार ली है.

सिंगापुर और साउथ कोरिया ने दिखाया दम, एशिया की पासपोर्ट ताकत हावी

Henley Passport Index के मुताबिक, सिंगापुर अब दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट है, जो 193 देशों में वीजा-फ्री एंट्री देता है. दूसरे नंबर पर साउथ कोरिया (190 डेस्टिनेशंस) और तीसरे पर जापान (189) हैं. वहीं, यूरोप के पारंपरिक पावरहाउस देशों – जर्मनी, इटली और स्पेन – भी टॉप 5 में शामिल हैं. इस बीच, अमेरिका का दो पायदान नीचे खिसककर 12वें स्थान पर पहुंचना ग्लोबल ट्रैवल फ्रीडम की रैंकिंग में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.

क्यों गिरा अमेरिकी पासपोर्ट का रुतबा?

    अमेरिकी पासपोर्ट की गिरावट के पीछे कई कारण हैं – खासकर उसकी विदेश नीति और वीजा-रिक्रिप्रोसिटी की कमी.
    ब्राजील ने हाल ही में अमेरिका के नागरिकों के लिए वीजा-फ्री एंट्री खत्म की क्योंकि अमेरिका ने ब्राजीलियनों के लिए वैसी छूट नहीं दी.
    चीन और वियतनाम की नई वीजा-फ्री लिस्ट में भी अमेरिका को शामिल नहीं किया गया.
    इसके अलावा, पापुआ न्यू गिनी, म्यांमार और सोमालिया जैसे देशों ने नए ई-वीजा सिस्टम लागू किए, जिससे अमेरिकी पासपोर्ट की पहुंच और घट गई.

‘ओपननेस’ में अमेरिका पीछे, दुनिया जवाब दे रही है उसी अंदाज में

डेटा दिखाता है कि अमेरिकी नागरिकों को भले ही 180 देशों में वीजा-फ्री एंट्री मिलती हो, मगर खुद अमेरिका सिर्फ 46 देशों के नागरिकों को बिना वीजा एंट्री देता है. Henley Openness Index में अमेरिका 77वें स्थान पर है. इसका मतलब साफ है कि अमेरिका जितना बंद होता जा रहा है, उतना ही बाकी देश भी उसके नागरिकों के लिए अपने दरवाजे बंद कर रहे हैं. यह स्थिति ऑस्ट्रेलिया के बाद दुनिया में सबसे बड़ी ‘रीसिप्रोकल गैप’ है.

चीन ने दिखाई ग्रोथ, अमेरिका से आगे बढ़ा कूटनीतिक पासपोर्ट गेम

जहां अमेरिका की रैंक नीचे जा रही है, वहीं चीन ने पासपोर्ट पावर में जबरदस्त उछाल दर्ज की है. 2015 में 94वें स्थान पर रहा चीन अब 2025 में 64वें नंबर पर पहुंच गया है. पिछले 10 सालों में चीन ने 37 नए देशों में वीजा-फ्री एंट्री हासिल की है.

चीन अब 76 देशों को वीजा-फ्री एक्सेस देता है, यानी अमेरिका से 30 ज्यादा. हाल ही में उसने रूस को भी इस लिस्ट में जोड़ा है. यह कदम साफ दिखाता है कि बीजिंग अपने ‘ट्रैवल डिप्लोमेसी’ कार्ड को बखूबी इस्तेमाल कर रहा है, जबकि वाशिंगटन अपनी ‘ओपननेस पॉलिसी’ में पिछड़ रहा है.

अमेरिकियों में बढ़ी ‘दूसरी सिटिजनशिप’ की होड़

US पासपोर्ट की गिरती ताकत का असर अब अमेरिकियों के व्यवहार पर भी दिखने लगा है. Henley & Partners की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अमेरिकी नागरिक ‘इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन प्रोग्राम्स’ में सबसे बड़ी हिस्सेदारी बना रहे हैं. साल की तीसरी तिमाही तक अमेरिकियों के एप्लिकेशन पिछले पूरे साल की तुलना में 67% ज्यादा रहे. यह ट्रेंड बताता है कि कई अमेरिकी अब वैकल्पिक नागरिकता या रेसिडेंसी के जरिए अपनी ‘ट्रैवल फ्रीडम’ वापस पाना चाहते हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button