पंजाबराज्य

विभाग की ओर से मिड-डे-मील में शामिल किए जाने वाले देसी घी के हलवे को लेकर चर्चा हुई, देसी घी का हलवा देना हुआ मुश्किल

नवांशहर
सरकारी टीचर्स यूनियन ब्लॉक औड़ की वर्चुअल मीटिंग जिला प्रधान बिक्रमजीत सिंह की अध्यक्षता में हुई जिसमें विभाग की ओर से मिड-डे-मील में शामिल किए जाने वाले देसी घी के हलवे को लेकर चर्चा की गई। जिला महासचिव गुरदीश सिंह ने कहा कि बच्चों को मौजूदा कुकिंग कास्ट में से देसी घी का हलवा देना विभाग का अनदेखी आदेश है, जिसे पूरा करना बहुत मुश्किल है।

देसी घी की कीमत 550 रुपए से ऊपर है और इसमें चीनी, सूजी और कोई मेवा भी डालना होता है, जो बहुत महंगा होता है। प्रति 100 बच्चों पर एक किलो से ज्यादा घी की खपत होती है। साथ में खाना भी देना है। कुछ स्कूलों में एल.के.जी. और यू.के.जी. दोनों कक्षाओं के बच्चे है जिनके पैसे नहीं मिलते, जिससे लागत और भी बढ़ जाती है। इसके अलावा मंगलवार को चावल और खीर एक साथ देने को कहा गया है, जो तर्कसंगत नहीं है। शिक्षकों ने कहा कि विभाग को देसी घी के हलवे के लिए अलग से ग्रांट जारी करनी चाहिए।

पंजाब के पूर्व महासचिव कुलदीप सिंह दौड़का ने कहा कि वर्तमान आम आदमी पार्टी सरकार नई शिक्षा नीति 2020 को तेजी से लागू कर रही है और विभाग का आकार छोटा करने के लिए बहुत उत्सुक है। जिसके तहत सरकार मिडल स्कूलों को बंद कर अन्य स्कूलों की संख्या आधी करना चाहती है। दफ्तरी कर्मचारी, मिड-डे-मील दफ्तरी कर्मचारी, विशेष बच्चों के शिक्षक और कई अन्य शिक्षक लगातार संघर्ष कर रहे हैं। सरकार शिक्षकों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। सरकार पूरी तरह से शिक्षकों के हितों के खिलाफ काम कर रही है, शिक्षक वर्ग इसका पुरजोर विरोध करता है और सरकार की जनविरोधी चालों को कभी चलने नहीं देगा। इस मौके पर अन्य लोगों के अलावा मनजिंदरजीत सिंह, हरजीत सिंह, अकुल गर्ग, राज कुमार, मनमोहन सिंह चड्ढा, रेशम लाल, इकबाल सिंह, उषा रानी, ​​विनीता रानी, ​​जीत कुमारी, लक्षिका, जसविंदर कौर, जसवीर कौर, रमनदीप कौर बाजवा, नीरू थापर, अंबिका जोशी, रिशु आदि मौजूद थे।

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