मध्य प्रदेशराज्य

प्रदेश में एम.पी. ट्रांसको के 132 के.व्ही. के तीन सब-स्टेशन होंगे ऑटोमेटिक:ऊर्जा मंत्री श्री तोमर

भोपाल
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि एम.पी. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी 132 केव्ही क्षमता वाले पुराने सब स्टेशनों को ऑटोमेटिक बनाने की तैयारी कर रही है। पहले पायलेट प्रोजेक्ट में जबलपुर, इंदौर और भोपाल के एक-एक सब-स्टेशन को चुना गया है। पूरी तरह से इन सब स्टेशनों को स्वचलित बनाने का काम जल्दी ही पूरा होगा। इन सब स्टेशनों को नजदीक के किसी एक प्रमुख सब-स्टेशन से संचालित एवं नियंत्रित किया जा सकेगा। प्रयोग के तौर पर 3 पुराने सब-स्टेशनों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है, यदि सफलता मिली तो और भी पुराने सब-स्टेशनों को रिमोट से संचालित किया जा सकेगा। प्रदेश में दो जी.आई.एस. (गैस इंसूलेटेड स्विचगीयर) सब-स्टेशनों को पहले से ही ऑटोमेटिक संचालित किया जा रहा है। इनमें से एक महालक्ष्मी इंदौर में तथा दूसरा ई-8 अरेरा कालोनी भोपाल में क्रियाशील है।

वर्तमान में सब-स्टेशन का कार्य मैन्युअली होता है। सब-स्टेशनों के रिमोट आपरेशन से इनके संचालन और मानीटरिंग का कार्य सटीक होगा। इससे जहॉं मानव चूक के कारण होने वाली विद्युत दुर्घटनाओं की आशंका कम हो सकेगी, वहीं तकनीक के उपयोग से विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता में बढ़ोत्तरी होगी।

फुली ऑटोमेटिक रहेंगे सब-स्टेशन
यह सब-स्टेशन पूरी तरह ऑटोमेटिक मोड पर संचालित होंगे। इन्हें ह्यूमन मशीन इंटरफेस तकनीक से नियंत्रित किया जायेगा। भोपाल के 132 के.व्ही. सब-स्टेशन अयोध्या नगर, इंदौर के 132 के.व्ही. सब-स्टेशन सत्य साईं एवं जबलपुर के 132 के.व्ही. सब-स्टेशन माढ़ोताल को अत्याधुनिक तकनीक के रिमोट ऑपरेटेड सब-स्टेशन में परिवर्तित किया जा रहा है। इस प्रयोग के सफल होने पर पावर ट्रांसमिशन कंपनी चुनिंदा 220 के.व्ही. सब-स्टेशन को भी रिमोट से संचालन करने की तैयारी की जायेगी। मध्यप्रदेश में एम.पी. पावर ट्रांसमिशन कंपनी के 400 के.व्ही. के 14 सब-स्टेशन, 220 के.व्ही. के 88 सब-स्टेशन और 132 के.व्ही. सब-स्टेशन के 314 सहित कुल 416 सब-स्टेशन हैं। जी.आई.एस. (गैस इंसूलेटेड स्विचगीयर) सब-स्टेशनों को रिमोट से आपरेट करने में पहले ही सफलता हॉसिल हो चुकी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button