पंजाबराज्य

सरकार ने इंतकाल पेंडेंसी खत्म करने को लेकर नवनियुक्त नायब तहसीलदारों को इंतकाल मंजूर करने के दिए अधिकार

अमृतसर
तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के दूर-दराज इलाकों में तबादले करने व इसके बाद रजिस्ट्रियों का काम कानूनगोओं को सौंपने के बाद इंतकाल पेंडेंसी की समस्या खड़ी हो गई थी, लेकिन सरकार ने इस समस्या का हल करते हुए नवनियुक्त नायब तहसीलदारों को इंतकाल मंजूर करने के अधिकार दे दिए हैं।

सरकार की तरफ से जारी पत्र के अनुसार जिन नायब तहसीलदारों ने द पंजाब नायब तहसीलदार डिपार्टमैंटल एग्जामिनेशन रैगुलेशन 2020 में दर्ज पहले 1 से 4 पेपर पास कर लिए हैं, उनको पेंडिंग इंतकालों का निपटारा करने के लिए असिस्टैंट कुलैक्टर ग्रेड टू के अधिकार दे दिए गए हैं। अमृतसर जिले की बात करें तो कानूनगाओं के हाथ में रजिस्ट्रियों का काम आने के बाद रजिस्ट्री दफ्तर वन, रजिस्ट्री दफ्तर टू और रजिस्ट्री दफ्तर थ्री के साथ साथ सब-तहसीलों व तहसीलों में भारी संख्या में रजिस्ट्रियों का काम शुरू हो गया था, जिसके चलते हजारों की संख्या में इंतकाल पेंडिंग हो गए थे।
 
इंतकाल पेंडेंसी खत्म करने में तहसील टू नंबर-वन
इंतकालों की पेंडेंसी को खत्म करने के तहसीलदार अमृतसर टू पुनीत बांसल की तरफ से सख्ती के साथ काम किया गया और इंतकालों की पेंडेंसी को निल कर दिया गया, जिसके चलते तहसील टू इस समय इंतकाल पेंडेंसी खत्म करने में नंबर वन बन चुकी है। इसके लिए जिला माल अफसर की तरफ से बकायदा उच्चाधिकारियों को लिखित रुप से जानकारी भी दी गई है।
 
जिले में 16 के बजाय मात्र 9 तहसीलदार व नायब तहसीलदार
मुख्यमंत्री की तरफ से जब जिले के तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों का तबादला किया गया था तो उस समय 16 तहसीलदार व नायब तहसीलदार थे, लेकिन इस समय सिर्फ 9 तहसीलदार व नायब तहसीलदार हैं, जिनमें तीन तहसीलदार हैं और बाकि नायब तहसीलदार हैं। संख्या कम होने के कारण जिला कुलैक्टर एवं डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी को भी पेंडेंसी निपटाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है, हालांकि एक एक अधिकारी के पास दो-दो सर्कलों का पदभार है।

कुलैक्टर रेट बढ़ाने संबंधी अभी भी फैसला नहीं
हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी प्रशासन की तरफ से जमीनों के कुलैक्टर रेट बढ़ाने संबंधी काम किया जा रहा है, लेकिन अभी तक उच्चाधिकारियों की तरफ से यह फैसला नहीं किया गया है कि कुलैक्टर रेट बढ़ाने हैं या नहीं बढ़ाने हैं।

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