
उत्तर प्रदेश ATS ने छांगुर और नसरीन पर ले सकती है बड़ा फैसला, कई राज खुलने बाकी
मास्टरमाइंड छांगुर बाबा का भतीजा सोहराब गिरफ्तार, आजमगढ़ में बड़ी कार्रवाई
छांगुर बाबा का मेरठ कनेक्शन एयर होस्टेस बनने का था सपना, मॉडलिंग का दिया झांसा
मेरठ
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट से जुड़े हाई-प्रोफाइल केस में जांच एजेंसियों ने शिकंजा कस दिया है. मामले की तह तक पहुंचने के लिए यूपी एटीएस अब मुख्य आरोपी छांगुर बाबा और उसकी साथी नसरीन का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की तैयारी में है.
सूत्रों के अनुसार, दोनों से हुई पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. लेकिन कुछ अहम सवालों के जवाब अब तक अधूरे हैं, जिनकी गुत्थी सुलझाने के लिए यह टेस्ट जरूरी माना जा रहा है. एटीएस सूत्रों का कहना है कि छांगुर, नसरीन और उनके सहयोगी नवीन रोहरा ने पूछताछ में कई राज खोले हैं, लेकिन कई जानकारियां या तो अधूरी हैं या जानबूझकर भ्रम फैलाने वाली. ऐसे में एजेंसियों को शक है कि ये आरोपी सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रहे हैं.
अब तक चार गिरफ्तार
यूपी धर्मांतरण के मामले में एटीएस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है , जिसमें 5 जुलाई को छांगुर और उसकी कारखास नीतू को गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनकी रिमांड मांगी गई थी. कोर्ट ने Ats को नीतू और छांगुर की 7 दिनों की PCR दी थी, जिसमें ये दोनों 10 जुलाई से लेकर 16 जुलाई तक ATS के पास थे. इस दौरान Ats ने इनसे तमाम अलग-अलग तरीके से पूछताछ भी है.
इस पूछताछ में नीतू और छांगुर के बताए गए तथ्यों के अलावा नीतू के पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन के बताए तथ्यों को भी खंगाला गया है जिसमें कई पहलू सामने है. तो वहीं कुछ पहलू भ्रमित करने वाले हैं , जिस कारण अब एटीएस उनका नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट करने की लिए सोच रही है.
दूसरी ओर प्रवर्तन निदेशालय ने छांगुर के कई देशी और विदेशी खातों की जांच भी शुरू कर दी है. ईडी ने इस मामले में छापेमारी भी की है.
मास्टरमाइंड छांगुर बाबा का भतीजा सोहराब गिरफ्तार, आजमगढ़ में बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से छांगुर बाबा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई। अवैध धर्मांतरण गिरोह के मास्टर माइंड छांगुर बाबा के भतीजे सोहराब को आजमगढ़ से गिरफ्तार कियाहै। ये कार्रवाई बुधवार देर रात यूपी एसटीेफ ने उतरौला से की है। सोहराब पर आजमगढ़ में धर्मांतरण कराने का आरोप लगा है। बता दें कि इससे पहले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को यूपी एटीएस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में मामले में अब तक 5 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं
छांगुर बाबा का मेरठ कनेक्शन एयर होस्टेस बनने का था सपना, मॉडलिंग का दिया झांसा
दिल्ली और वेस्ट यूपी में धर्मांतरण कराने वाले छांगुर बाबा और उसके करीबी बदर अख्तर सिद्दीकी के नेटवर्क की पोल अब खुलती जा रही है। इस गैंग का मेरठ से भी पुराना कनेक्शन सामने आया है। मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र के भूनी गांव की रहने वाली प्रिया त्यागी वर्ष 2019 में इसी गिरोह का शिकार बनी थी। वह दिल्ली में एयर होस्टेस का कोर्स कर रही थी, तभी इस्लामाबाद, लिसाड़ीगेट मेरठ निवासी बदर अख्तर सिद्दीकी के संपर्क में आई। बदर ने उसे मॉडलिंग और बेहतर जीवनशैली का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया।
कुछ ही समय बाद प्रिया लापता हो गई, जिसके बाद परिजनों ने सरूरपुर थाने में अपहरण की धारा में रिपोर्ट (मुकदमा संख्या 223/2019) दर्ज कराई। हालांकि, प्रिया बालिग थी, इसलिए कोर्ट ने उसे अपनी मर्जी से कहीं भी रहने की छूट दी। लेकिन 18 अक्टूबर 2019 को जब वह वापस घर लौटी, तो परिजनों और पुलिस को चौंका देने वाले खुलासे किए।
प्रिया ने बताई बदर की हैवानियत
प्रिया ने बताया कि बदर ने उसे जबरन नशे की लत लगवाई, कई बार सिगरेट से जलाया, भूखा रखा और धर्मांतरण का लगातार दबाव बनाया। यह वही तरीका था, जिसे अब छांगुर बाबा और बदर पर लगे ताजा आरोपों में दोहराया जा रहा है। उस समय भी प्रिया के पिता दर्शन त्यागी ने पुलिस को बताया था कि उनकी बेटी नोएडा की गौर सिटी में पढ़ाई कर रही थी, तभी बदर ने उसे निशाना बनाया।
कई लड़कियों के गायब होने का आरोप
प्रिया की वापसी के बाद, उसके परिजनों ने बदर अख्तर के खिलाफ कई अन्य युवतियों को गायब करने के भी आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया था कि असिया नाज पुत्री कमर हुसैन निवासी चुड़ीवालान, दिल्ली भी बदर के संपर्क में आने के बाद लापता हो गई थी। पुलिस उसे आज तक तलाश नहीं सकी। इसके अलावा एक आशा नाम की लड़की भी लापता बताई गई थी, जिसका कोई सुराग नहीं मिला। वहीं अंतरा शर्मा नाम की युवती ने बदर से शादी की थी, लेकिन 2019 में कोर्ट से तलाक हो गया था। इन सभी मामलों में पुलिस की जांच उस वक्त निष्क्रिय रही, जिससे धर्मांतरण गैंग का पर्दाफाश छह साल पहले ही हो सकता था।
ड्रग्स और ब्रेनवॉश का नेटवर्क
छांगुर बाबा और बदर के नेटवर्क को लेकर अब जो खुलासे हो रहे हैं, वो साल 2019 की प्रिया कांड से मेल खाते हैं। युवतियों को पहले नशा देकर मानसिक रूप से कमजोर किया जाता था और फिर ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण के लिए मजबूर किया जाता था। प्रिया और उसके पिता पहले ही इन तरीकों की जानकारी पुलिस को दे चुके थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
अब जब छांगुर और बदर के खिलाफ कई राज्यों में शिकंजा कस रहा है, तो मेरठ की यह पुरानी घटना इस नेटवर्क की गहराई और तैयारी को उजागर करती है। यह सवाल भी खड़ा होता है कि अगर 2019 में ही इस मामले को गंभीरता से लिया जाता, तो कितनी ही बेटियां बच सकती थीं।