खेल

मिस्ट्री स्पिनर के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने वाले वरुण चक्रवर्ती के करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे

नई दिल्ली
मिस्ट्री स्पिनर के रूप में अपनी अलग पहचान बनाने वाले वरुण चक्रवर्ती (33) ने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी चमक बिखेरी। हाल ही में सम्पन्न हुई आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट 9 विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे हैं।

30 से 40 ट्रायल दिए लेकिन सफल नहीं हुए
13 साल की उम्र में क्रिकेट की शुरूआत करते वाले चक्रवर्ती ने स्पिनर नहीं तेज गेंदबाज का बनने सपना देखा था। लेकिन उन्हें गेंदबाजी का मौका नहीं मिलता था और टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज की कमी के कारण वह इस और चल दिए। 16 की उम्र तक उन्होंने 30 से 40 ट्रायल दिए। लेकिन चयन में सफल नहीं हुए। निराश होकर उन्होंने क्रिकेट को छोड़ने का फैसला लिया और किट अपने दोस्तों को देकर आर्किटेक्चर बनने निकल पड़े। उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई पूरी की और उसी फील्ड में कुछ साल तक नौकरी भी की।

नौकरी में मन नहीं लगा तो पैशन को किया फॉलो
आर्किटेक्ट की नौकरी में मन नहीं लगा और उनका ध्यान तेज गेंदबाज बनने पर था जिस कारण उन्होंने क्रिकेट में वापसी की। लेकिन एक बार प्रैक्टिस में चोटिल हो गए और सभी विकल्प आजमाने के बाद स्पिन गेंदबाजी का रूख किया। यूट्यूब से राशिद खान, अनिल कुंबले और एडम जैम्पा की बॉलिंग देख खुद को तैयारी करने लगे।

जुबली क्रिकेट वनडे से IPL और फिर नेशनल टीम तक का सफर
2017 में वरुण ने तमिलनाडु के जुबली क्रिकेट वनडे टूर्नामेंट में 7 मैच में 31 विकेट लिए जिसकी बदौलत उन्हें तमिलनाडु प्रीमियर लीग में मौका मिला। 28 की उम्र में वरुण की आईपीएल में एंट्री हुई, जब 2019 में पंजाब ने 8.4 करोड़ रुपए में खरीदा। फिर वे कोलकाता नाइट राइडर से जुड़े और उन्हें मिस्ट्री स्पिनर का तमगा मिला।

इसके बाद उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका मिला। श्रीलंका के खिलाफ 25 जुलाई 2021 को आर.प्रेमदासा स्टेडियम में उन्होंने टी20 क्रिकेट में एंट्री की। इसी दौरान साल 2021 में यूएई में हुए टी-20 विश्वकप में वरुण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से उन्हें धमकियां भी मिली जिससे वरुण डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। लेकिन उन्होंने मेहनत नहीं छोड़ी और प्रैक्टिस भी डबल कर दी।

पिछले साल आईपीएल में 21 विकेट लेकर कोलकाता को ट्रॉफी जिताई। इस सीजन के लिए कोलकाता ने उन्हें 12 करोड़ रुपए में रिटेन किया है। चैम्पियंस ट्रॉफी में तीन मैच में 9 विकेट लेकर वे टूर्नामेंट के दूसरे सफल गेंदबाज और भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। इस साल भारत-इंग्लैंड के बीच हुई टी-20 सीरीज के 5 मैचों में 14 विकेट लेकर वे मैन ऑफ द सीरीज भी बने थे। इस दौरान उन्होंने एक द्विपक्षीय टी-20 सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी बनाया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button