वाशिंगटन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सेना को नया रूप देने पर केंद्रित कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। देर रात हस्ताक्षरित एक आदेश सेना में विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) पहलों पर प्रतिबंध लगाता है। एक अन्य आदेश में 8,000 से अधिक सेवा सदस्यों को बहाल किया गया, जिन्हें कोविड-19 वैक्सीन लेने से इनकार करने के कारण बर्खास्त कर दिया गया था।
व्हाइट हाउस ने कहा कि तीसरे कार्यकारी आदेश में अधिकारियों को ट्रांसजेंडर सैनिकों पर नीति बनाने का काम सौंपा गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस आदेश में ट्रांसजेंडर सर्विस मेंबर पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। चौथे आदेश में एक 'अमेरिकी आयरन डोम' विकसित करने की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाया गया है। यह मध्य पूर्व में इजरायली डोम जैसा होगा। यह आदेश तब जारी हुए जब पेंटागन का नेतृत्व करने के लिए ट्रंप के नामित व्यक्ति, पीट हेगसेथ ने शनिवार को रक्षा मंत्री के रूप में शपथ ली। हेगसेथ लंबे समय से कहते रहे हैं कि उन्होंने सेना में बड़े सांस्कृतिक परिवर्तन लागू करने की योजना बनाई है। उन्होंने सोमवार को पेंटागन पहुंचने के कुछ ही क्षण बाद, कहा, "और कार्यकारी आदेश आने वाले हैं।"
सेना में ट्रांसजेंडर सदस्यों पर क्या कहता है आदेश
ट्रंप ने अपने पहले प्रशासन के दौरान 2017 में ट्रांसजेंडर अमेरिकियों को सेना में सेवा देने से प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन उसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2021 में प्रतिबंध को निरस्त करने का आदेश जारी किया था। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने जिस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए है उसमें सेना को ट्रांसजेंडर सैनिकों को शामिल करने के संबंध में नीतियां बनाने और इस विषय पर किसी भी गाइडलाइन को अपडेट करने का निर्देश दिया गया। इस कार्रवाई से ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों पर तत्काल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
व्हाइट हाउस द्वारा प्रकाशित दस्तावेजों के अनुसार, 'सैन्य उत्कृष्टता और तत्परता को प्राथमिकता देने' पर राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि "किसी व्यक्ति के लिंग से अलग झूठी 'लिंग पहचान' व्यक्त करना सैन्य सेवा के लिए जरूरी कठोर मानकों को पूरा नहीं कर सकता है।" व्हाइट हाउस की एक फैक्ट शीट में ट्रांसजेंडर के बजाय 'ट्रांस-आइडेंटिफ़ाइंग' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी सेना में कितने ट्रांसजेंडर कर्मी सेवारत हैं – हालांकि शोधकर्ताओं के पिछले अनुमानों ने यह आंकड़ा 9,000 से 15,000 के बीच बताया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि पुरुषों को महिलाओं के लिए निर्धारित सुविधाओं का उपयोग करने से स्पष्ट रूप से मना किया जाएगा।
ट्रांसजेंडर सैन्य कर्मियों की ओर से वकालत करने वाले संगठन स्पार्टा ने आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि ट्रांसजेंडर सैनिकों ने युद्ध क्षेत्रों में सेवा की है और सैन्य इकाइयों में काम करने की 'अपनी क्षमता का प्रदर्शन' किया है।