मध्य प्रदेशराज्य

उत्तर की ओर से आ रही सर्द हवाओं के असर से प्रदेश में सिहरन बढ़ी, उमरिया-मंडला में भी पारा 10 डिग्री से नीचे

भोपाल
उत्तर की ओर से आ रही सर्द हवाओं के असर से प्रदेश में सिहरन बढ़ गई है। इस वजह से लगभग सभी शहरों में न्यूनतम तापमान में गिरावट हो रही है। इसके साथ-साथ हवाओं संग कुछ नमी आने के कारण कोहरा और धुंध भी छा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मौसम का ऐसा मिजाज अगले दो दिन तक बना रह सकता है।
लगातार लुढ़क रहा पारा
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हिल स्टेशन पचमढ़ी प्रदेशभर में ठंडा रहा, जहां गुरुवार को लगातार दूसरे दिन न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में सबसे कम 9.1 डिग्री सेल्सियस तापमान मंडला में रिकॉर्ड किया गया और उमरिया में 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा। नौगांव और राजगढ़ में पारा लुढ़ककर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसी तरह राजधानी भोपाल में रात का तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। प्रदेश के सभी शहरों में रात का पारा 15 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार सुबह प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, खजुराहो और नौगांव में मध्यम कोहरा छाया रहा। भोपाल में सुबह 1 से 2 किलोमीटर तक दृश्यता रही।

दो दिन बाद छा सकते हैं बादल
मौसम विज्ञानियों के अनुसार फिलहाल देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम बना हुआ है। मध्य पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी बांग्लादेश के ऊपर भी एक चक्रवात सक्रिय है। प्रदेश में फिलहाल दो दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। गुरुवार को बंगाल की खाड़ी में तमिलनाडु के तट के पास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। आगे बढ़कर यह कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। इस मौसम प्रणाली के असर से हवाओं का रुख बदल सकता है। इसके चलते दो दिन बाद प्रदेश में कहीं-कहीं बादल भी छा सकते हैं।

सुबह छा रही धुंध
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि राजस्थान पर बने प्रति-चक्रवात के असर से लगातार सर्द हवाएं मध्य प्रदेश की तरफ आ रही हैं। इस वजह से रात का पारा लगातार लुढ़क रहा है। हवाओं के साथ कुछ नमी भी आने से ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में कोहरा बना हुआ है। शेष भागों में सुबह के समय धुंध छाई रहती है।

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