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महबूबा मुफ्ती ने संभल हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा, कहा-बांग्लादेश और हममें कोई फर्क नहीं

श्रीनगर
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को संभल हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह लोग हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के बजाय हर मस्जिद में मंदिर ढूंढने का प्रयास कर रहे हैं। संभल हादसे का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा, “जिन लोगों का इस मामले से कोई लेना देना नहीं था, उन्हें भी अपनी जान गंवानी पड़ी। यह लोग किसी से बात नहीं करना चाहते हैं। जो कोई भी इनसे बात करने की कोशिश करता है, उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है, जैसे उमर खालिद को जेल में डाल दिया गया। वो चार सालों जेल में है। आज कल कहीं पर जनता की बात नहीं सुनी जा रही है।”

अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी महबूबा मुफ्ती ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यहां हिंदू-मुस्लिम सभी धर्मों के लोग जाते हैं। अजमेर शरीफ भाई चारा और गंगा जमुनी तहजीब की निशानी है। अगर किसी को भारत में गंगा जमुनी तहजीब की निशानी देखनी है, तो उसे अजमेर शरीफ जाना चाहिए, वहां उसे भाईचारे का प्रतीक देखने को मिलेगा। आपको वहां पर देखने को मिलेगा कि कैसे हमारी हिंदू-बहनें और मां अपना सिर झुकाती हैं और मन्नते मानती हैं। वहां पर आपको हिंदू, मुस्लिम और सिख सभी धर्मों के लोग देखने को मिलेंगे। लेकिन, अब यह लोग इसके पीछे भी पड़ चुके हैं। यह दावा कर रहे हैं कि अब इसे भी खोदो। क्या पता यहां भी मंदिर निकल आए।

उन्होंने कहा, “मुझे यह समझ नहीं आ रहा है कि यह सब कब तक चलेगा। अब लोग जाग चुके हैं।” महबूबा ने चुनावी प्रणाली पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने इस बात पर आशंका जाहिर की कि चुनाव के दौरान भी विसंगति बरती जाती है, ताकि राजनीतिक माहौल को अपने पक्ष में किया जा सके। जानबूझकर किसी एक प्रदेश को विपक्ष के लिए छोड़ दिया जाता है, ताकि सवाल ना उठाया जा सके। इलेक्शन कमीशन इसे लेकर कोई जवाब नहीं देता है। अगर छह बजे वोटिंग बंद हुई, मतदान अगर 58 फीसद था, तो तीन घंटे बाद वो 68 कैसे हो गया? और काउंटिंग से पहले वो 70 फीसद कैसे हो गया। मुझे लगता है कि लोगों को जागना पड़ेगा।

इस बीच, उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का जिक्र कर कहा कि वहां हमारे हिंदू भाइयों के साथ ज्यादती हो रही है और यहां पर भी हम अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार कर रहे हैं, तो हममें और उनमें फर्क रहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि अगर हम भारत में अल्पसंख्यकों को परेशान करेंगे। उनकी मस्जिदों में जाकर मंदिर ढूंढेंगे तो ऐसी स्थिति में बांग्लादेश और हमारे बीच में क्या फर्क रह जाएगा। बांग्लादेश में भी तो लगातार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके धार्मिक स्थलों पर हमला किया जा रहा है। बांग्लादेश में जिन लोगों ने हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें वहां जेल में दिया गया, ठीक उसी प्रकार से यहां पर भी जो लोग अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के विरुद्ध बोलते हैं, उन्हें भी जेल में दिया जा रहा है।

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