देश

प्रियंका चतुर्वेदी ने अमित शाह को लिखा पत्र, बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग

मुंबई
शिवसेना (यूबीटी) नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र है, जिसमें उन्होंने बेलगावी (बेलगाम) को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग की है। प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर बेलगावी सहित कई शहरों और गांवों को लेकर सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही तनाव बढ़ गया है, जिसके कारण बेलगावी में महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, शुरुआत में यह घोषणा की गई थी कि एमईएस की महा मेलावा रैली और अन्य शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अनुमति दी जाएगी, लेकिन पुलिस ने अब रैली को रोकने के लिए व्यापक व्यवस्था की है, जिससे शहर में तनाव और बढ़ गया है।

उन्होंने पत्र में आगे कहा कि 2022 में, केंद्र ने दोनों राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई भी कार्रवाई न करें। इसके बावजूद, कर्नाटक विधानसभा ने महाराष्ट्र को किसी भी प्रकार की जमीन देने से रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। इसके जवाब में, महाराष्ट्र विधानसभा ने मराठी भाषी गांवों को अपने राज्य में शामिल करने के लिए कानूनी रूप से आगे बढ़ने के लिए एक जवाबी प्रस्ताव पारित किया, जो इस विवादास्पद मुद्दे पर आम सहमति की कमी को उजागर करता है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई लंबित है, एमईएस की ओर से प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए बार-बार अनुरोध किया गया है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि दोनों राज्य सरकारों के बीच आम सहमति की कमी और आगे भी अशांति की संभावना को देखते हुए, मैं आपसे (अमित शाह) बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने पर विचार करने का आग्रह करता हूं। इससे शहर में सीमा विवाद को सुलझाने में मदद मिलेगी और नागरिकों को न्याय सुनिश्चित होगा, साथ ही केंद्रीय शासन के माध्यम से सभी भाषाई समुदायों को समायोजित किया जा सकेगा।

बता दें कि बेलगाव या बेलगावी विवाद महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच एक लंबे समय से चली आ रही सीमा विवाद है। यह विवाद मुख्य रूप से बेलगावी जिले को लेकर है। वर्तमान में यह जिला कर्नाटक का हिस्सा है। 1956 में जब भारत में राज्यों का पुनर्गठन भाषाई आधार पर किया गया, तब बेलगावी जिले को कर्नाटक को आवंटित किया गया था। महाराष्ट्र का कहना है कि इस जिले में मराठी भाषी लोगों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए यह क्षेत्र भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से महाराष्ट्र का हिस्सा होना चाहिए। जबकि कर्नाटक का तर्क है कि बेलगावी सदियों से कर्नाटक का हिस्सा रहा है। यहां की संस्कृति कन्नड़ संस्कृति से गहरे जुड़ी हुई है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button