उत्तर प्रदेशराज्य

बहराइच हुई हिंसा के आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त

बहराइच
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महाराजगंज कस्बे में अक्टूबर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान एक युवक की हत्या के मामले में जिला प्रशासन ने तीन आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर उन्हें जब्त कर लिया है। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद की उस बंदूक का भी लाइसेंस निरस्त किया गया है, जिससे कथित तौर पर गोली मारकर 13 अक्टूबर को राम गोपाल मिश्र (22) की हत्या की गई थी।

12 बोर सिंगल बैरल बंदूक से गोली मारकर की थी हत्या
पुलिस अधीक्षक (एसपी) वृंदा शुक्ला ने बताया, ‘‘हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान अब्दुल हमीद ने अपने तीन बेटे सरफराज उर्फ रिंकू, तालिब उर्फ सबलू और फहीम के साथ मिलकर अपनी लाइसेंसी 12 बोर सिंगल बैरल बंदूक से गोली मारकर राम गोपाल मिश्र की हत्या कर दी थी। इस संबंध में हरदी पुलिस थाना में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच के दौरान हाजी मसूद अहमद तथा हाजी मोहम्मद अहमद की भी संलिप्तता पाई गयी थी।

2 बोर डबल बैरल बंदूक का भी किया लाइसेंस निरस्त
एसपी ने बताया कि जनहित में और भविष्य में सामाजिक सौहार्द खराब होने की आशंक के मद्देनजर पुलिस की संस्तुति पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने इन आरोपियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त और असलहे जब्त करने के आदेश जारी किए। अब्दुल हमीद और हाजी मोहम्मद अहमद की एक-एक 12 बोर सिंगल बैरल बंदूक तथा हाजी मसूद अहमद की 12 बोर डबल बैरल बंदूक (कुल तीन शस्त्र) के लाइसेंस निरस्त कर इन असलहों को जब्त कर लिया गया है।

13 अक्टूबर को हुई थी हिंसा
हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुए बवाल के बीच गोली चलने से गांव रेहुआ मंसूर के निवासी रामगोपाल मिश्र की मौत हो गयी थी। इसके बाद महसी, महाराजगंज तथा बहराइच शहर में 13 और 14 अक्टूबर को सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। इस दौरान लोगों ने घरों, दुकानों, शोरूम व अस्पताल आदि में तोड़फोड़ तथा आगजनी कर करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान पहुंचाया। घटना में कई लोग घायल हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button