छत्तीसगढ़राज्य

बैगा, गुनिया और सिरहा जनजातियों के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि की घोषणा

रायपुर

छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय गांवों के लिए एक नई योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है, जिससे धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए अखरा निर्माण का रास्ता खुलेगा। साथ ही, बैगा, गुनिया और सिरहा जनजातीय समुदाय के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि भी प्रदान की जाएगी, जिसके तहत हर वर्ष पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साइंस कालेज मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर की।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपये और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 80,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, जनजातीय समुदाय के शहीदों की प्रतिमाएं भी प्रमुख स्थानों पर स्थापित की जाएंगी, ताकि उनके योगदान को सम्मानित किया जा सके।

जनजातीय समुदाय की वीरता और कला को सम्मान
इस भव्य समारोह में जनजातीय समुदाय की प्रमुख विभूतियों, राज्य में हुए जनजातीय विद्रोह के शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित एक एटलस और कैलेंडर का विमोचन किया, साथ ही ‘शौर्यांजलि’ और ‘हल्बा जनजातीय की वाचिक परंपराएं’ विषय पर प्रकाशित पुस्तक का भी लोकार्पण किया।

इस सम्मान समारोह में राज्यसभा सांसद अरूण सिंह, आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, विधायक मोती लाल साहू, अनुज शर्मा, पुरंदर मिश्रा, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और पूर्व विधायक उमेश कच्छप समेत अन्य जनप्रतिनिधि और जनजातीय समाज के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

6,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर विशेष अवसर पर 6,600 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यह परियोजनाएं देश के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और विकास पर केंद्रित हैं। पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि देश के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए अब पांच गुना बजट खर्च किया जा रहा है। पहले जो बजट 25,000 करोड़ रुपये था, वह अब बढ़कर 1,25,000 करोड़ रुपये हो चुका है।

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