इंदौर
भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर ने फिर इतिहास रच दिया है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने पानी बचाने में भी नंबर वन का तमगा अपने नाम किया है। घोषित 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों में इंदौर को वेस्ट जोन का नंबर वन जिला घोषित किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 22 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इंदौर को पुरस्कृत करेंगी। बता दें कि इंदौर ने तीसरी बार नेशनल वाटर अवॉर्ड पर कब्जा जमाया है।
इंदौर को मिले 10 में से 10 नंबर
केंद्रीय दल की टीम ने मई में इंदौर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई चरणों में परीक्षण किया था। टीम ने इंदौर के जल स्रोत, संरचनाओं और पानी बचाने के विकल्प का परीक्षण करने के साथ ही एक दिन नगर निगम सीमा में पानी बचाने और जल स्रोत पर हुए कार्य की जानकारी ली। इस शहर के रिचार्ज सॉफ्ट के तहत पानी बचाने के कामों के प्रेजेंटेशन की सराहना भी की थी। सबकुछ देखने परखने के बाद राष्ट्रीय पुरस्कार के मूल्यांकन में इंदौर को 10 में से 10 अंक दिए गए।
जानें क्यों मिला नंबर वन का पुरस्कार
भीषण गर्मी में भी इंदौर में नदियों का जल प्रवाह नहीं टूटा। झरनों की रवानी भी पहले से अधिक समय तक बरकरार रही। जल संरक्षण के लिए इंदौर ने 419 फॉर्म पोंड, 101 अमृत सरोवर और 185 डगआउट पॉड का निर्माण किया। बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड और पातालपानी झरनों में पानी के प्रवाह की मात्रा और अवधि में वृद्धि हुई। पारंपरिक जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए 22 अमृत सरोवर से अतिक्रमण हटाया और 25 तालाबों का क्षेत्रफल बढ़ाया गया। इसलिए इंदौर को पहला पुरस्कार दिया गया।
शैक्षिक संस्थानों में सीकर का सरकारी स्कूल अव्वल
जल प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पहला पुरस्कार राजस्थान के सीकर के गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल को मिलेगा। दूसरा पुरस्कार नई दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित गवर्नमेंट सर्वोदय कन्या विद्यालय को दिया जाएगा। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में पहला पुरस्कार कोयंबटूर के तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनीवर्सिटी को दिया जाएगा।
इंदौर 10/10: तालाब बचाए, झरनों को दिया जीवन, घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग
नेशनल पुरस्कार के आकलन में इंदौर को 10 में से 10 अंक मिले। मई में आई टीम ने ग्राम मलेंडी, बड़िया, बुरालिया, जाम बुजुर्ग में बहती नदियां देखीं।
इंदौर ने जल संरक्षण के लिए 419 फॉर्म पोंड, 101 अमृत सरोवर, 185 डगआउट पॉड बनाए।
बामनिया कुंड, मेहंदी कुंड, पातालपानी झरनों में पानी के प्रवाह की अवधि और मात्रा में बढ़ोतरी की।
नगर निगम क्षेत्र में 1.14 लाख घर व ग्रामीण क्षेत्र में 1400 शासकीय भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग लगाए।
परंपरागत जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए 22 अमृत सरोवर से अतिक्रमण हटाया। 25 तालाबों का क्षेत्रफल बढ़ाया।
सामुदायिक और निजी फलोद्यान में 3 लाख पौधे मनरेगा से लगाए गए। नगर निगम सालाना 1 लाख पौधे लगा रहा है। शहर में 100 अहिल्यावन बनाए।
जल संरक्षण के प्रति जनजागरण के लिए सभी 334 ग्राम पंचायतों का वाटर बजट तैयार किया गया। जलदूत ऐप के माध्यम से भूजल स्तर की निगरानी की जा रही।
ओडिशा ने 53 हजार जलाशय व रेनवाटर हार्वेस्टिंग ढांचे बनाए
ओडिशा में कुछ वर्षों में 53 हजार जलाशय और रेनवाटर हार्वेस्टिंग ढांचे खड़े किए गए। जल संरक्षण व प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ जिलों में पूर्वी जोन से ओडिशा का बालांगीर, नॉर्थ ईस्ट से त्रिपुरा का ढालई, दक्षिणी से आंध्र प्रदेश का विशाखापट्टनम और उत्तरी जोन से जम्मू-कश्मीर के गांदरबल व उप्र के बांदा जिले को चुना गया है।
ओडिशा सर्वश्रेष्ठ राज्य
ओडिशा को वर्ष 2023 के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित किया है। जल जीवन मिशन के तहत 72.78% गांवों को नल से जल पहुंचाने और 15 हजार अमृत सरोवर विकसित करने के लिए उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात और पुडुचेरी संयुक्त रूप से तीसरे पायदान पर हैं।
केरल की इस पंचायत को पहला पुरस्कार
केरल के तिरुअनंतपुरम जिले के पुल्लमपारा गांव को जल प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतों में पहला पुरस्कार दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के कांकेर के मासुलपानी गांव को दूसरा पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। गुजरात के सूरत को सर्वश्रेष्ठ नगर निकाय के लिए पहला पुरस्कार मिलेगा। ओडिशा के पुरी को दूसरा और महाराष्ट्र के पुणे को तीसरा पुरस्कार दिया जाएगा।
राजस्थान के इस स्कूल को पहला पुरस्कार
जल प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए पहला पुरस्कार राजस्थान के सीकर के गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल को प्रदान किया जाएगा। दूसरा पुरस्कार नई दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित गवर्नमेंट सर्वोदय कन्या विद्यालय को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उच्च शिक्षा संस्थानों में पहला पुरस्कार तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर को मिलेगा।
पिछले साल भरे गए थे नामांकन
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से 5वें नेशनल वाटर अवॉर्ड के जिए पिछले साल दिसंबर में नामांकन प्रक्रिया की गई थी। मंत्रालय की ओर से चयनित शहरों के अवॉर्ड में वेस्टर्न जोन में इंदौर को सिलेक्ट किया गया। इस जोन के लिए प्रदेश के 2 शहरों का नाम प्रक्रिया में शामिल किया गया था, जिसमें इंदौर रतलाम का नाम था। इसके साथ ही इसी जोन से गुजरात राज्य के कच्छ शहर का नाम भी शामिल किया गया था।