उत्तर प्रदेशराज्य

एटा में रिटायर हो चुके 19 सरकारी कर्मचारियों को वापस करनी होगी सैलरी, जाने क्या है मामला

एटा  

उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एटा और कासगंज जिलों के कलेक्टर कार्यालय में 1993 और 1995 के बीच फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले 24 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. इन सभी पर राजस्व परिषद के फर्जी आदेश के जरिए नौकरी पाने का आरोप है.

1995 में हुई थी फर्जी नियुक्ति

बताया गया है कि 1995 में एटा के तत्कालीन डीएम मेजर आरके दुबे को एक पत्र मिला, जिसमें 24 लोगों की नियुक्ति का आदेश दिया गया था. इस आदेश के आधार पर नियुक्तियां की गईं. कुछ वर्षों बाद शिकायत हुई कि ये आदेश फर्जी था. इसके बाद जांच शुरू हुई और राजस्व परिषद ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था.  

फाइलें दबाकर टाल दिया गया था मामला

इस मामले में लंबे समय तक फाइलें दबाकर मामले को टालने की कोशिश की गई, लेकिन 2019 में फिर से शिकायत होने पर जांच में बड़ा खुलासा हुआ. जांच के दौरान सामने आया कि फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर दिए थे. डीएम की गहन जांच के बाद एसआईटी गठित की गई. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 30 कर्मचारियों की संलिप्तता पाई, इसमें 19 रिटायर हो चुके थे, जबकि चार अभी भी कार्यरत थे. सरकार ने इन्हें बर्खास्त कर रिटायर हो चुके कर्मचारियों से भी वेतन और अन्य लाभों की रिकवरी के आदेश दिए हैं.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button